रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला मामले की जांच में गड़बड़ी और फोन टेपिंग मामले में आरोपी बनाए गए निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता गुरूवार को EOW में पेश हुए । निलंबित IPS मुकेश गुप्ता से साढ़े 5 घंटे तक पूछताछ चली। जानकारी के मुताबिक निलंबित IPS मुकेश गुप्ता से अधिकारी पूरी जानकारी नहीं निकाल पाए हैं। मुकेश गुप्ता ने सभी सवालों के जवाब नहीं दिए हैं। उन्हें फिर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। हालांकि इस मामले में EOW के जीपी सिंह का बयान सामने आया है । निलंबित आईपीएस से पूछताछ मामले में उन्होंने कहा कि आज काफी लंबी पूछताछ हुई है, जो भी प्रश्न पूछे गए हैं उनके जवाब मिले हैं। बाकी सब इनविस्टगेशन का मेटर है। अपराध क्रमांक 6 पर EOW के जीपी सिंह ने कहा कि एन्विटगेशन के लिए अगर जरूरत और होगी तो दुबारा फिर से पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा ।
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वहीं मुकेश गुप्ता के वकील ने EOW पर जांच लीक करने के आरोप लगाए हैं। आरोपी के वकील ने EOW के अधिकारियों पर सोशल मीडिया के माध्यम से जांच की बातचीत बाहर प्रचारित करने के भी आरोप लगाये हैं।
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बता दें कि निलंबित IPS मुकेश गुप्ता को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया गया था। मुकेश गुप्ता अपने अधिवक्ता अमीन खान के साथ ईओडबल्यू के दफ्तर पहुंचे थे। दरअसल EOW ने नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए 6 जून को बुलाया था लेकिन उन्होंने तबीयत खराब होने का लिखित आवेदन देकर पूछताछ के लिए अगली तारीख निर्धारित करने की सिफारिश की थी। इसके बाद 13 जून का समय निर्धारित किया गया था। निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता ने फोन टेपिंग के मामले में EOW में हुई पिछली सुनवाई में पूछताछ करने वाले एएसआई के सामने काफी तेवर दिखाए थे। उन्होंने अपने पद और रुतबे का रौब दिखाते हुए किसी भी सवाल का सीधे तरीके से जवाब नहीं दिया था। अब एक बार फिर से मुकेश गुप्ता से पूछताछ में EOW अधिकारियों को कुछ खास हासिल नहीं हो पाया है।
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जानिए पूरा मामला
छत्तीसगढ़ में सत्ता परिवर्तन के बाद नान घोटाले पर जांच के आदेश दिए गए थे। बता दें कि छापे के पहले नान के अफसरों और कर्मचारियों का फोन टेप हो रहा था। सबूत मिलने के बाद ईओडब्ल्यू ने तत्कालीन डीजी मुकेश गुप्ता, एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में ईओडब्ल्यू के ही डीएसपी आरके दुबे ने डीजी और एसपी के खिलाफ बयान दिया था कि उनके दबाव में उन्होंने अफसरों के फोन अवैध रूप से टेप करवाने का आदेश जारी किया था। हालांकि बाद में दुबे का बयान विवादों में पड़ गया।
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बयान देने के बाद आरके दुबे ने हाईकोर्ट में हलफनामा दे दिया कि उन पर दबाव डालकर बयान लिखवाया गया था। कुछ दिनों बाद उन्होंने फिर हाईकोर्ट में नया हलफनामा देकर अपने पिछले शपथपत्र को गलत ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के कहने पर ही अवैध तरीके से अफसरों का फोन टेप किया गया। इसी मामले में मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया था।