भारत-चीन तनाव के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, चीनी कंपनी का 471 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट किया रद्द | Indian Railway Cancelled 471 crore Contract of Chinese Company due to poor progress

भारत-चीन तनाव के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, चीनी कंपनी का 471 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट किया रद्द

भारत-चीन तनाव के बीच रेलवे का बड़ा फैसला, चीनी कंपनी का 471 करोड़ रुपए का कॉन्ट्रैक्ट किया रद्द

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:07 PM IST
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Published Date: June 18, 2020 12:43 pm IST

नई दिल्ली: भारत और चीन की सीमा पर पिछले कुछ दिनों से तनाव का महौल बना हुआ है। वहीं दो दिन पहले लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों देशों के जवानों के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। दोनों के देशों के बीच जारी तनाव के बीच रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे उपक्रम डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन लिमिटेड ने चीनी फर्म बीजिंग नेशनल रेलवे रिसर्च एंड डिज़ाइन इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल एंड कम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड के साथ चल रहे कॉन्ट्रैक्ट को रद्द कर दिया है।

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मिली जानकारी के अनुसार रेलवे ने चीन की एक कंपनी को कानपुर से दीन दयाल उपाध्याय रेलवे सेक्शन के बीच 417 किमी के सेक्शन में सिग्नलिंग और टेलीकॉम का काम दिया गया था। यह काम 471 करोड़ का था। बताया गया कि चीनी कंपनी को यह टेंडर जून 2016 में दिया गया था, लेकिन 4 साल बीत जाने के बाद भी कंपनी महज 20 फीसदी काम ही पूरा कर पाई थी। काम की बेहद धीमी गति को देखते हुए रेल मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। वहीं, रेल कॉपोरेशन की ओर से चीनी कंपनी से जवाब मांगा था, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद रेल मंत्रालय ने चीनी कंपनी का कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने का फैसला लिया है।

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वहीं, दूसरी ओर 17 जून को ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में चीन को खुले तौर पर चेतावनी देते हुए कहा था कि चीन की धोखेबाजी और कायराना हरकत की कीमत उसे चुकानी होगी। इसके बाद सबसे पहले संचार मंत्रालय ने चीनी कंपनी के संचार से जुड़े उपकरणों के इस्तेमाल पर न केवल रोक लगाई बल्कि चीनी कंपनी को मिले टेंडर भी रद्द करने के निर्देश जारी कर दिए। इसके अलावा प्राइवेट सर्विस प्रोवाइडर्स को भी चीनी उपकरणों को इस्तेमाल से हटाने के निर्देश दिए गए। दो चीनी कंपनियों को खास तौर पर निशाने पर लिया गया। इसके पीछे वजह, इन कंपनी के जरिए डेटा चोरी और जासूसी के आरोप भी लगाना माना जा रहा है।

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