बेंगलुरु। भारतीय दवा निर्माता सिप्ला लिमिटेड (Cipla) ने कोविड-19 महामारी के इलाज में कारगर अमेरिकी ड्रग मैन्युफैक्चरर गिलीड साइंसेस की एंटीवायरल दवा रेमडेसिवीर की कीमत 5,000 रुपये से कम रखेगी। सिप्ला और हेटेरो लैब्स को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) से कोविड-19 की दवा लॉन्च करने की अनुमति मिल चुकी है। इसके बाद सिप्ला ने CIPREMI नाम से कोरोना की दवा लॉन्च की है।
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पिछले महीने गिलीड साइंसेज ने सिप्ला को रेमडेसिवीर के विनिर्माण और विपणन की नॉन-एक्सक्लूसिव मंजूरी दे दी थी, इससे पहले अमेरिका के FDA ने इमरजेंसी यूज ऑर्थराइजेशन (EUA) के तहत गिलीड साइंसेज को कोरोना इलाज के लिए रेमडेसिवीर का इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। सिप्ला और हेटेरो ने कोविड-19 के इलाज के लिए जेनेरिक दवाई लॉन्च की है। सिप्ला के अलावा हेटेरो भी 100 मिलीग्राम की डोज की कीमत 5,000 से 6,000 के बीच रख सकती है।
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बता दें कि बांग्लादेश की सबसे बड़ी दवा निर्माता बेक्सिमको फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने दुनिया में सबसे पहले मई में रेमडेसिवीर का जेनेरिक वर्जन लॉन्च किया था, कंपनी ने दवा के एक वायल की कीमत 5,000 से 6,000 रुपये के बीच रखी है. रेमडेसिवीर को डॉक्टरों की देखरेख में इंटरवीनस इंजेक्ट किया जाता है, ये ऐसी पहली दवा है, ट्रायल के दौरान जिसके इस्तेमाल से कोरोना मरीजों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार दिखाई दिया है।
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अमेरिका, भारत और दक्षिण कोरिया में संक्रमण के गंभीर मरीजों के इलाज में रेमडेसिवीर के इस्तेमाल की अनुमति दे दी गई है। वहीं, जापान में इसके पूरे इस्तेमाल की मंजूरी है। हालांकि, सिप्ला ने अभी तक ये साफ नहीं किया है कि CIPREMI कब से इलाज के लिए बाजार में उपलब्ध हो जाएगी। अमेरिका में अभी तक रेमडेसिवीर की कीमत तय नहीं की जा सकी है। गिलीड ने सोमवार को कहा था कि साल के अंत तक 2 करोड़ से ज्यादा कोरोना मरीजों को रेमडेसिवीर उपलब्ध करा दी जाएगी। रेमडेसिवीर का ट्रायल अमेरिका, यूरोप और एशिया के 60 सेंटर्स में 1063 मरीजों पर किया गया था। ट्रायल में दवा ने बेहतर रिकवरी में मदद की। रेमडेसिवीर दिए जाने वाले मरीजों में मृत्यु दर 7.1 फीसदी रहा।