रीवा। मध्यप्रदेश के शिशु गृहों में भी बच्चे सुरक्षित नहीं हैं। अमेरिका में काउंसिलिंग के दौरान यौन पीड़ित बच्चों ने ये खुलासा किया है। दरअसल रीवा की निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से गोद लिए गए बच्चों की अमेरिका में काउंसिलिंग की गई थी। बच्चों से जब सवाल किए जा रहे थे तो उन्होंने चौकाने वाले खुलासे किए। मामला संज्ञान में आने के बाद इसकी जानकारी भारत सरकार को दी गई । इस पूरे मामले की जांच के लिए रीवा एसपी ने एक टीम गठित की है जो पूरे मामले की जांच कर रही है ।
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रीवा स्थित आंचल शिशु गृह निजी संस्था निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) से बीते माह चार नाबालिग बच्चों को अमेरिका निवासी क्लिंटन एवं अमाडा ने गोद लिया था। अमेरिका पहुंचे दंपति ने वहां के कानून के मुताबिक पोस्ट रिप्लेसमेंट रिपोर्टिंग के लिए बच्चों को पहले चिल्ड्रन होम एजेंसी में स्थानान्तरित किया। यहां के काउंसलर्स ने जब बच्चों की काउंसिलिंग की तो वे यह जानकर चौंक गए कि शिशु गृह में उनके साथ यौन उत्पीड़न किया गया है।
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इसकी जानकारी काउंसलर ने बच्चों के अभिभावकों को देने के साथ ही भारत सरकार की संस्था कारा को दी। भारत सरकार को जैसे ही अमेरिका सरकार की ओर से बच्चों के साथ यौन उत्पीड़न की खबर मिली तो हड़कंप मच गया। आनन फानन में इसकी जानकारी मध्यप्रदेश सरकार से साझा की गई। जानकारी मिलने पर महिला बाल विकास संचालनालय ने मामले की गंभीरता से कलेक्टर रीवा को अवगत कराया। रीवा पुलिस ने एक टीम गठित की है जो मामले की जांच कर रही है । प्रशासन ने जांच खत्म होने तक निवेदिता कल्याण समिति (शिशु गृह) संस्था का लायसेन्स निरस्त कर दिया गया है। यहां पल रहे सभी बच्चों को सतना के मातृ छाया में शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए है ।