POK पर भारत ने पाक को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान हमारा अभिन्न अंग, कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं | India warns Pakistan on POK, Gilgit-Baltistan is our integral part, no change is tolerated

POK पर भारत ने पाक को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान हमारा अभिन्न अंग, कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं

POK पर भारत ने पाक को चेताया, गिलगित-बाल्टिस्तान हमारा अभिन्न अंग, कोई भी बदलाव बर्दाश्त नहीं

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:55 PM IST, Published Date : May 4, 2020/2:13 pm IST

नई दिल्ली। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के गिलगित-बाल्टिस्तान पर दिए गए एक आदेश पर भारत ने इस्लामाबाद से कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है। भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में पड़ोसी देश के बदलाव करने के प्रयास पर कड़ा विरोध दर्ज कराया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान को स्पष्ट रूप से बताया गया है कि पूरा गिलगित-बाल्टिस्तान समेत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है।

ये भी पढ़ें:राजधानी रायपुर में एक और कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि, छत्तीसगढ़ में अब कुल 22 एक्टिव मरीज

मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान सरकार और वहां की अदालत को जबरन कब्जा किए गए क्षेत्र पर आदेश जारी करने का अधिकार नहीं है। भारत जम्मू-कश्मीर के POK में बदलाव करने जैसी कार्रवाई को सिरे से नकारता है। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने गिलगित बाल्टिस्तान में चुनाव कराने का आदेश जारी किया था।

ये भी पढ़ें:पिछले 24 घंटे के भीतर भारत में मिले 2553 नए कोरोना मरीज, 1074 लोग स्वस्थ होकर…

विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, केंद्र शासित प्रदेश पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख जिसमें गिलगित-बाल्टिस्तान भी शामिल हैं, वह पूरी तरह से कानूनी और अपरिवर्तनीय विलय के तहत भारत का अभिन्न अंग हैं।’ विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार या उसकी न्यायपालिका को उन क्षेत्रों पर हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं हैं जो उसने ‘अवैध तरीके से और जबरन कब्जाए’ हुए हैं।

ये भी पढ़ें: लॉक डाउन के दौरान पुलिसकर्मियों को विधायक ने दिखाया रौब, पुलिस ने थ…

बयान में कहा गया है कि संसद से 1994 में पास एक प्रस्ताव में जम्मू-कश्मीर पर भारत ने स्थिति साफ कर रखी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान के ये कदम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के कुछ हिस्सों पर उसके ‘अवैध कब्जे’ को छुपा नहीं सकते हैं कि पिछले सात दशकों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया, शोषण किया और उन्हें स्वतंत्रता से वंचित रखा गया है।