नई दिल्ली। लद्दाख के गलवान घाटी में चीन से हिंसक झड़प के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रूस दौरे पर हैं। रक्षा मंत्री के अचानक रूस दौरे को काफी अहम माना जा रहा है। राजनाथ सिंह की आज रूसी नेतृत्व के साथ द्विपक्षीय बैठक जारी है।
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राजनाथ सिंह के इस दौरे में रूस के साथ चल रही डील को लेकर चर्चा होगी। सूत्रों की मानें तो भारत रूस से हथियारों को लेकर जो डील हुई है उनकी जल्द डिलीवरी की मांग कर सकता है, जिसमें फाइटर एयरक्राफ्ट, टैंक और सबमरीन शामिल हैं।
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रूस के साथ बड़े हथियारों की डील में सबसे अहम है एस-400 डिफेंस सिस्टम। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम भारत को दिसंबर 2021 तक मिलना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से उसकी डिलीवरी में देरी हो रही है। इसके साथ ही रूस से भारत 31 फाइटर जेट आपातकालीन खरीदी कर रहा है। इसमें सुखोई और मिग-29 एयरक्राफ्ट शामिल है।
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भारत एस-400 की जल्द मांग कर सकता है, क्योंकि सतह पर जंग लड़ने के मामले में पूरी दुनिया में इस सिस्टम की कोई काट नहीं हैं। चीन से सटी पहाड़ी सीमा में ये काफी कारगर साबित हो सकता है। भारत इस डील की खरीददारी की बड़ी रकम रूस को दे चुका है। इसके अलावा सुखोई 30एम और टी-90 टैंक की भी जल्द डिलीवरी की मांग भारत कर सकता है।
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इसके साथ ही राजनाथ सिंह रूस की विक्ट्री डे परेड के 75 साल पूरा होने पर कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। बुधवार को होने वाली इस परेड में भारत की सेना के जवान भी शामिल होंगे। इस कार्यक्रम में रूस ने चीन को भी न्योता दिया है। तनाव के बाद ये पहला मौका होगा जब भारत और चीन के नेता आमने सामने होंगे, लेकिन हिंदुस्तान ने चीन के साथ किसी भी तरह की औपचारिक बातचीत ना करने का फैसला किया है।