नागपुर। देश भर में नागरिकता संशोधन कानून CAA 2019 के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच नितिन गडकरी ने कहा है कि हम अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं हैं। नागपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में रैली के दौरान नितिन गडकरी ने कहा है कि हिंदुत्व किसी के खिलाफ नहीं है।
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उन्होने कहा कि दुनिया में सिर्फ भारत ही हिंदुओं को शरण दे सकता है, नितिन गडकरी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, भारत ने सबको अपनाया है। इससे किसी का अहित नही होने वाला। विपक्षी दल इसे गलत तरीके से भ्रम पैदा कर रहे हैं।
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गडकरी ने कहा, “इन तीन देशों से आने वाले मुस्लिमों को शरणार्थी नहीं कहा जाता है, जबकि हिंदू, जैन, पारसी, सिख, ईसाई शरणार्थी कहलाते हैं। दुनिया में 100 से 150 इस्लामिक देश हैं। अगर पाकिस्तान, बांगलादेश और अफगानिस्तान के मुस्लिम अपना देश छोड़कर जाना चाहते हैं, तो इन देशों में जाएं। हिंदू, सिख, जैन, पारसी और ईसाइयों के पास भारत के अलावा कहीं जाने का विकल्प नहीं है।”
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उन्होंने कहा- हिंदू सहित दूसरे धार्मिक अल्पसंख्यकों को पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उनका जबरन धर्मांतरण किया जा रहा है। वहां उन पर अत्याचार हो रहे हैं, हत्या की जा रही है, संपत्ति लूटी जा रही है, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जा रहा है। ऐसे में वे भारत के अलावा कहां जाएंगे?
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नागरिकता संशोधन कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक प्रताड़ना का शिकार बन रहे अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता का विकल्प देता है। कानून में इन तीन देशों से पलायन करके 31 दिसंबर, 2014 तक ही भारत आने वाले हिंदू, सिख, जैन, पारसी, सिख, ईसाई, बौद्ध समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है।