नई दिल्ली। आंध्र प्रदेश ने हैदराबाद गैंगरेप और मर्डर केस से बड़ी सीख लेते हुए अब रेप के आरोपियों के खिलाफ 21 दिन में सजा का ऐलान करेगी। आंध्र प्रदेश कैबिनेट ने उस कानून के मसौदे को मंजूरी दे दी, जो महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के मामलों का निपटारा 21 दिन में करने और दोषियों के लिए सजा-ए-मौत को अनिवार्य बनाता है। अब आंध्र सरकार इस मसौदे को विधानसभा में पेश करेगी।
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कैबिनेट ने एक और कानून के मसौदे को भी मंजूरी दी, जो महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में मुकदमा चलाने के लिए खास अदालतों के गठन का रास्ता निकालेगा। प्रस्तावित ‘आंध्र प्रदेश दिशा अधिनियम’ के तहत, बलात्कार के जुर्म पर मौत की सजा का प्रावधान किया गया है।
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इस अधिनियम के तहत, ऐसे मामलों में, जहां संज्ञान लेने लायक सबूत मौजूद हों, जांच को सात दिनों में पूरी करने और अगले 14 दिनों में कोर्ट से मुकदमा चलाने का प्रावधान करता है, ताकि 21 दिनों के अंदर सजा दी जा सके। मौजूदा कानून ऐसे मामलों में मुकदमा चलाने के लिए चार महीने का समय देता है।
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इस कानून के तहत, सभी 13 जिलों में विशेष अदालतें गठित की जाएंगी, जो बलात्कार, यौन उत्पीड़न, तेजाब हमला और सोशल मीडिया के जरिए उत्पीड़न जैसे महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाले अत्याचार के मामलों में मुकदमा चलाएंगी।
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11 hours ago