नई दिल्ली: केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज पीएम मोदी द्वारा घोषत आर्थिक पैकेज का विवरण देते हुए कहा कि समाज के कई वर्गों के साथ व्यापक विचार-विमर्श करने के बाद पीएम ने एक व्यापक दृष्टिकोण को आपके सामने रखा। आत्मनिर्भर भारत के पांच स्तंभ-अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढाँचा, सिस्टम, डेमोग्राफी और डिमांड हैं।
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निर्मला सीतारमण के भाषण की अहम बातें
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संकट में फंसे एमएसएमई को 20 हजार करोड़।
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MSME को चार साल के लिए तीन लाख करोड़ का लोन बिना गारंटी के दिया जाएगा।
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एमएसएमई को राहत, एक साल तक कर चुकाने से मुक्ति।
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माइक्रो यूनिट में 25 हजार का निवेश तक माना जाता था अब ये निवेश 1 करोड़ तक हो सकता है, और टर्नओवर 5 करोड़ तक हो सकता है।
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आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा।
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ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा।
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200 करोड़ तक के सारे टेंडर ग्लोबल टेंडर नहीं होंगे।
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आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई को फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
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15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 माइक्रो स्मॉल मीडियम एंटरप्राइसेस के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है 2 पीएफ से जुड़े हैं।
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एमएसएमई को ई-मार्केट से जोड़ा जाएगा।
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ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन मई के लिए बढ़ाई जा रही है. जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी।
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2 हजार 500 करोड़ की मदद इसके लिए सरकार की ओर से दी जा रही है।
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15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी।
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सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत ही देना होगा. पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।
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एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम।
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डिस्कॉम को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है, उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता तय की गई है।
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बिजली कंपनियों को 90 हजार करोड़ की नकदी, राज्य सरकार को देनी होगी गारंटी।