बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए शिक्षक की पत्नी को 10 फीसदी ब्याज के साथ पेमेंट के भुगतान का निर्देश दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि शासन चाहे तो यह राशि बीईओ और जनपद सीईओ से वसूल सकती है।
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बता दें कि मौत के बाद भी सहायक शिक्षक का बकाया वेतन नहीं दिए जाने पर हाईकोर्ट ने पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सीईओ जनपद और बीईओ को आठ साल का लंबित वेतन 10 फीसदी ब्याज के साथ देने का निर्देश दिया है, कोर्ट ने कहा है कि शासन चाहे तो अधिकारियों से इस पैसे की वसूली की जा सकती है।
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सूरजपुर जिले के प्रतापपुर ब्लाक में प्राथमिक शाला हरिहरपुर में शैलेन्द्र सिंह सहायक शिक्षक के रूप में पदस्थ थे। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शैलेन्द्र सिंह से लगातार सेवा ली जा रही थी। 8 अप्रेल 2016 को शैलेन्द्र सिंह की मृत्यु हो गई। मृत्यु के समय शैलेन्द्र सिंह को अगस्त 2008 से लेकर अप्रेल 2016 तक तकरीबन आठ वर्ष के वेतन का भुगतान नहीं किया गया था।
पत्नी की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस पी सैम कोशी की एकलपीठ ने मृत शिक्षक के बकाया वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। इससे पहले मृत शिक्षक की पत्नी के आवेदन पर शिक्षा विभाग ने कोई विचार नहीं किया था जिसकी वजह से मृत शिक्षक की पत्नी शांता सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।