रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज कहा कि देश के किसान-मजदूर मजबूत होंगे तो देश मजबूत होगा, यदि वे कमजोर होंगे तो देश भी कमजोर होगा। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने किसानों-मजदूरों-गरीबों की जेब में पैसा पहुंचाने का काम किया है, यही वजह है कि छत्तीसगढ़ मंदी के असर से अछूता रहा।
पढ़ें- पढ़ें- प्रदेश में 13 जनवरी तक 71.48 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी, राज्य के 17.38 लाख किसानों ने बेचा धान
बघेल ने यह बात आज महाराष्ट्र के संगमनेर में आयोजित एक समारोह में कही। यह समारोह महाराष्ट्र के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और सहकारिता आंदोलन के प्रणेता स्व. भाऊ साहेब थोर्रात तथा हरित-क्रांति में अपने योगदान के लिए याद किए जाने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. अन्ना साहेब शिंदे की जंयती पर आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि देश के किसान-मजदूर मजबूत होंगे, तो देश मजबूत होगा। यदि वे कमजोर होंगे तो देश कमजोर होगा।
पढ़ें- यूट्यूब ने 1 हफ्ते के लिए ट्रंप के चैनल को किया सस्…
बघेल ने कहा कि कोरोना के बावजूद छत्तीसगढ़ में व्यापार-उद्योग में कमी नहीं आई। सितंबर-अक्टूबर माह में 24 प्रतिशत और नवंबर में 26 प्रतिशत जीएसटी कलेक्शन के साथ छत्तीसगढ़ देश में अव्वल रहा। दिसंबर महीने में छत्तीसगढ़ की उपलब्धि 10 प्रतिशत की रही। बघेल ने कहा कि कोरोना काल में छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा मोटरसाइकिलें, कारें, ट्रेक्टरों की बिक्री हुई। सोने के जेवर, कपड़े भी खूब बिके।
पढ़ें- पढ़ें- किसानों ने लोहड़ी के मौके पर जलाई नए कृषि क़ानूनों की…
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया की कोई सरकार नहीं है, जो गोबर खरीदती है, लेकिन हम 2 रुपए किलो में गोबर खरीद रहे हैं। अब लोग गोबर बेचकर मोटरसाइकिलों खरीद रहे हैं, हवाई यात्राएं कर रहे हैं। जिनके पास भूमि अथवा पशु नहीं हैं, वे भी केवल गोबर इकट्ठा कर आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने रायगढ़ निवासी सुखराम यादव का उदाहरण देते हुए बताया कि उसने तथा उसकी पत्नी ने गोबर इकट्ठाकर चार महीने में 96 हजार रुपए कमाए हैं। इस तरह उन्होंने गोबर से हर महीना 24 हजार रुपए की आमदनी प्राप्त की।
पढ़ें- पढ़ें- मध्यप्रदेश की राजधानी पहुंची कोरोना वैक्सीन की पहली खेप, आज शाम तक प्रदेश के बड़े शहरों में पहुंचे.
उन्होंने कहा कि फसलों की चराई, खुले में घूमने वाले पशुओं की वजह से होने वाले एक्सीडेंट, और गोबर की वजह से फैलने वाली अस्वच्छता का हमें एक ही हल नजर आया कि गोबर की खरीदी की जाए। गोबर प्राप्त करने के लिए मवेशियों को लोग चारा खिलाएंगे। इससे मवेशी दुबले नहीं होंगे, दूध भी ज्यादा देंगे। हार्वेस्टर के इस युग में बछड़ों और बैलों को कोई नहीं रखना चाहता, जब उनके गोबर से भी पैसा मिलेगा, तब उनकी भी देख-भाल करेंगे। लोग अपने पशुओं को बांधकर रखेंगे। इससे फसल भी बचेगी और एक्सीडेंट भी नहीं होगी। साफ-सफाई भी रहेगी। बघेल ने कहा कि यही कारण है कि स्वच्छता के मामले में दूसरे साल भी छत्तीसगढ़ पहले नंबर पर आया है। केंद्र सरकार ने इस उपलब्धि के लिए हमें सम्मानित किया है। उन्होंने कहा कि खरीदे गए गोबर से छत्तीसगढ़ में वर्मी कंपोस्ट बनाया जा रहा है, यह वर्मी कंपोस्ट भी 10 रुपए किलो में खरीदा जाता है। इस काम में लगे स्व सहायता समूहों की महिलाओं को इससे रोजगार मिल रहा है और अच्छी आमदनी हो रही है।
पढ़ें- पढ़ें- एक और भू-माफिया के आलीशान मकान में चला प्रशासन …
बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने इस कदम से अब जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। इससे उत्पादन लागत भी कम होगी और रसायनिक खादों की वजह से फसलों में होने वाली विषाक्तता भी कम होगी। बघेल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 7400 गौठान स्वीकृत किए गए हैं, इनमें से 4700 गौठान बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हीं गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा, ताकि महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने के अनुरूप गांवों का विकास किया जा सके। बघेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. भाऊ साहेब थोर्रात और स्व. अन्ना साहेब शिंदे के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि इन महापुरुषों ने किसानों, मजदूरों के कल्याण के लिए जो रास्ता दिखाया था, छत्तीसगढ़ उसी रास्ते पर चल रहा है।
Ayushman Card Kaise Banaye 2024 : अब घर बैठें खुद…
10 hours ago