रायपुर, छत्तीसगढ़। रेल यात्रियों को बिना टिकट के ट्रेन में चढ़ने से रोकने या टिकट होने के बाद भी ट्रेन में चढ़ने से रोकने की बात आपने सुनी होगी। लेकिन क्या आपने कभी एसा सुना है की किसी जानवर को टिकट होने के बाद ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया गया हो। लेकिन रायपुर रेल मंडल के दुर्ग स्टेशन में एसा मामला सामने आया है । RPF द्वारा कुत्ते को ट्रेन में चढ़ने नहीं देने पर उसके मालिक को भी अपनी ट्रेन छोडनी पड़ी ।
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दुर्ग टू पूणे फर्स्ट एसी का कंफर्म टिकट, किराया लगभग 7000 रुपए, लेकिन एक महिला को अपनी ट्रेन छोड़नी पड़ी, वो भी तब जब महिला यह जानती हो कि उन्हें अगले हफ्ते ही ट्रेन मिलेगी । आप सोच रहे होंगे की इस महिला की ट्रेन छूटने से क्या वासता है । आपने कुत्ते की वफादारी के किस्से तो कई बार सुने होंगे लेकिन इस महिला ने अपने कुत्तो के प्रति वफादारी दिखाई ।
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दरअसल रिता नाम की यह महिला अपने दो पालतु कुत्तों के साथ पूणे से दुर्ग आई थी। काम समाप्त होने के बाद वो अपने दोनों कुत्तों को वापस पूणे ले कर जा रही थी। नियम के तहत कुत्तों को या तो डॉग केनल में रख कर ले जाया जा सकता है या फिर फर्स्ट एसी में। लेकिन उसके लिए फर्स्ट एसी के एक कूपे की सभी टिकट आपके पास होनी चाहिए। इस महिला ने दुर्ग से पूणे के लिए फर्स्ट एसी की दो टिकट निकाली। साथ ही कुत्तों के लिए लगेज की पर्ची भी कटवाई। लेकिन जब वो ट्रेन पर चढ़ने लगी तो RPF के जवान ने उसके कुत्तों को रोक दिया और ट्रेन में ले जाने से मना कर दिया ।
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महिला यात्री ने इस मामले की शिकायत डीआरएम ऑफिस में भी की है। DRM ऑफिस के अधिकारियों के मुताबिक महिला के साथ गलत हुआ है। इस पूरे मामले की जांच की जाएगी ।
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