रायपुर। नशे के खिलाफ मुहिम में IBC24 प्रतिदिन नशे के नेक्सस की कड़ियों से जुड़े खुलासे करता रहा है…पुलिस ने मुहिम के बाद कुछ कार्रवाई कर उम्मीद जगाई कि अब नशे के सौदागरों की खैर नहीं…लेकिन कुछ सवाल हैं जो अब भी सारी कार्रवाई और मंशा पर प्रश्न चिन्ह लगाते हैं…क्वींस क्लब में हुई नशे वाली पार्टी के 23 दिन बीत जाने के बाद भी…एक के बाद एक ड्रग पैडलर्स के सीधे संपर्क क्वींस क्लब से निकलने के बाद भी…क्लब के अवैध हस्तांतरण से लेकर अवैध शराब और नशा पार्टियों के होते रहने के संकेत के बाद भी…जिम्मेदारों का नोटिस-नोटिस खेलना सवाल उठाता है.. आखिर किसे बचा रहे हैं…किसकी करतूतों पर पर्दा डाल रहे हैं।
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लॉकडाउन के दौरान होटल क्वींस क्लब में अवैध शराब पार्टी और गोली कांड को 23 दिन गुजर चुके हैंं। इस दौरान राजधानी में नशे के नैक्सस की कई कड़ियां सामने आई.. कई सनसनीखेज खुलासे हुए..लेकिन अभी तक इन अवैध कामों में संलिप्त बड़े लोगों को जिम्मेदार एंजेसियों ने कार्रवाई तो दूर इनसे पूछताछ तक नहीं की है..चाहे वो हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों द्वारा क्लब संचालक के साथ मिलकर सरकार को चूना लगाने का मामला हो या जान बूझकर की जिम्मेदारी पास के कार्यालय के बजाए कई किलोमीटर दूर के ऑफिस शिफ्ट करने का मामला.. यही नहीं चंपालाल जैन को बार का लाइसेंस देने की प्रक्रिया पर भी कई सवाल खड़े कर रहे हैं..कहीं न कहीं दोनों विभाग होटल क्वींस क्लब में अवैध शराब पार्टी आयोजित करने वाले नमित जैन और लॉकडाउन के दौरान शराब परोसने वाले बार मालिक की हरकतों पर पर्दा डालने में लगे हुए हैं..सरकार को लाखों का चूना लगाकर सरकारी संपत्ति में शराब और शबाब वाली पार्टी आयोजित करने वाले पिता पुत्र की जोड़ी को नोटिस भेज-भेज विभाग सिर्फ खाना पूर्ति कर रही है..हालांकि प्रशासन और हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप सिंह जुनेजा जरूर ये दावा कर रहे हैं कि दोषियों पर कार्रवाई जरूर होगी।
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रायपुर में नशे के नेटवर्क को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ IBC24 की मुहिम के बाद ही पुलिस भी हरकत में आई है..और ड्रग्स नैक्सस से जुड़े लोगों पर कार्रवाई भी कर रही है.. लेकिन अब भी कई पहलू हैं जिनपर सवाल जस के तस हैं..मसलन क्वींस क्लब में छापा मारने वाली पुलिस भी अभी तक ये पता नहीं कर पाई है कि अगर वहां मिली शराब की बोतलें खाली थीं तो आखिर नशे में धुत्त युवक-युवतियों पर किस चीज का नशा था ?…पुलिस ने आखिर इन लोगों की मेडिकल जांच क्यों नहीं करवाई.. ? 23 दिन गुजर जाने के बाद भी होटल के सीसीटीवी फुटेज की जांच क्यों नहीं की जा रही है…पार्टी में मौजूद नशा कारोबारियों से संबंध रखने वाले लड़के-लड़कियों से पूछताछ क्यों नहीं की गई…सवाल ये भी है कि आखिर अवैध शराब पार्टी में शराब, हुक्का और खाना-पीना परोसने वालों से पूछताछ क्यों नहीं की गई…क्वींस क्लब का मैनेजर ड्रग पैडलिंग का आरोपी है, ऐसे में होटल संचालक से मामले में पूछताछ क्यों नहीं की गई ?
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पुलिस ने इन लोगों पर लॉकडाउन के उल्लंघन करने की कार्रवाई की जबकि ड्रग्स कनेक्शन समेत अन्य पहलूओं की जांच नहीं की गई… राजधानी में ड्रग सप्लाई करने वाले 14 में 4 आरोपी रायपुर से हैं और सभी नशा सप्लाई करने की बात स्वीकार कर चुके हैं..उसके बाद भी रायपुर में ड्रग्स लेने वाले रसूखदारों से पूछताछ नहीं होना भी सवाल खड़े करता है..पुलिस सूत्रों के मुताबिक रायपुर के 5 पैडलर फरार हो कर दूसरे प्रदेश जा चुके हैं….उन्होंने अपना मोबाइल भी बंद कर दिया है..जाहिर है इसका कारण कार्रवाई में देरी होना है..जाहिर है सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर कब तक रायपुर को उड़ता रायपुर बनाने वाले बड़े नाम बेनकाब होंगे…कानून के शिकंजे में फंसेंगे…या फिर वो रसूख के दम पर बच निकलते हैं…?