बांका: शादी समारोह में अकसर देखा जाता है कि फूफा, जीजा लोगों की नाराजगी सामने आती है। इतना ही नहीं उन्हें मनाने के लिए परिवार के लोग क्या कुछ नहीं करते। ऐसा ही एक मामला बिहार के बांका जिले से सामने आया है, जहां परंपरा और कानूनी दांव पेंच के चलते युवती की शादी में अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई। अंतत: बिन फेरे हम तेरे वाली बात हुई और बिना सात फेरे लिए ही युवती घर से विदा हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार मामला कुशाहा गांव का है, जहां रसिकलाल मुर्मू की बेटी बासमती मुर्मू की शादी शोभा गांव के अरविंद मंडल से तय हुई थी। पांच अप्रैल को तय समय पर बारात आई, लेकिन इसी दौरान गांव में पुलिस ने दबिश दी। पुलिस की टीम ने गांव के सरपंच के घर से 3 लीटर शराब भी जब्त की और उसे गिरफ्तार कर लिया। अब आप से ये सोच रहे होंगे कि गांव के सरपंच की गिरफ्तारी से युवती का क्या कनेक्शन है।
दरअसल गांव में ये कुछ रिवाज ऐसे हैं, जो सरपंच ही पूरी करता है। लेकिन सरपंच की गिरफ्तारी के बाद से समस्या पैदा हो गई कि अब ये रस्म कौन निभाएगा। ऐसी स्थिति में शादी की रस्में टल गईं और शादी रुक गई। हालांकि सरपंच की छुड़ाने के लिए गांव के लोगों ने पूरजोर कोशिश की, लेकिन वे कामयाब नहीं हुए।
इसके बाद पंचायत बुलाई गई और पंचों ने यह फैसला किया कि अब सरपंच की गैर मौजूदगी में फेरे नहीं हो सकते। युवती को बिना फेरे लिए ही दूल्हे के साथ विदा कर दिया गया। बता दें कि आदिवासी परंपरा के मुताबिक लड़की की शादी में महुआ शराब देवी-देवताओं को चढ़ाई जाती है। दुल्हन बनी बासमती के भाई दिनेश मुर्मू बताते हैं कि हमारे यहां परंपरा के मुताबिक प्रधान ही शादी करवाते हैं।
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