बिलासपुर। मानव अधिकार आयोग सुकमा में साल 2007 में 7 ग्रामीणों की हत्या और 95 घरों को आग लगाने का दोषी प्रशासन को माना है। मानव अधिकार ने 12 साल पहले के इस मामले में फैसला सुनाते हुए मुआवजा देने के साथ दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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आयोग ने अपने फैसले में कहा है कि 2007 में सलवा जुडूम (नक्सलियों के खिलाफ आंदोलित लोगों का समूह) और स्थानीय विशेष पुलिस अधिकारी ने 95 घरों को जलाया। इस दौरान सात ग्रामीणों की हत्या गई।
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आयोग ने घटना में पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारियों की संलिप्तता के साथ ही तत्कालीन राज्य सरकार को भी कटघरे में खड़ा किया। आयोग ने मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख स्र्पये का मुआवजा तत्काल प्रभाव से देने के निर्देश भी दिए हैं।
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हाई कोर्ट की अधिवक्ता सुधा भारद्वाज ने घटना के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में इस कांड के जांच की मांग की थी। 2007 में आगजनी और हत्या की घटना के बाद तीनों गांवों के ग्रामीण दहशत के कारण गांव छोड़कर चले गए थे। कुछ वर्ष बाद जब सलवा जुडूम की मुहिम खत्म हुई और सब-कुछ ठीक होने लगा तब ग्रामीण गांव की ओर लौटे ।