नई दिल्ली। केंद्रीय बैंक आरबीआई ने बैंकों से लोन की ईएमआई पर 3 महीने की मोहलत देने को कहा। आरबीआई की बात को मानते हुए लगभग सभी बैंकों ने अपने ग्राहकों के सामने 3 महीने की मोहलत का प्रस्ताव रख दिया है। मतलब ये कि अगर आपने किसी भी तरह का टर्म लोन ले रखा है तो आप 3 महीने तक इसकी ईएमआई देने से बच सकते हैं।
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इस दौरान आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं पड़ेगा और बैंक भी ईएमआई देने के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डालेंगे। लेकिन इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि आपकी ईएमआई माफ कर दी जाएगी। आपको 3 महीने के बाद ईएमआई देनी होगी। ऐसे में सवाल है कि 3 महीने तक आपने अगर ईएमआई नहीं दी तो ये आपके लिए फायदे का सौदा है या फिर इससे आपको नुकसान हो रहा है।
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देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का उदाहरण लेते हैं। एसबीआई की वेबसाइट पर जो जानकारी दी गई है उसके मुताबिक मोहलत अवधि के दौरान जो भी बकाया राशि है, उस पर ब्याज जुड़ता रहेगा। बढ़ा हुआ ब्याज उन कर्जदारों से अतिरिक्त ईएमआई के जरिये लिया जाएगा जो तीन महीने की मोहलत का विकल्प चुनते हैं।
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एसबीआई ने इसे विस्तार से समझाया है। मान लीजिए कि रमेश ने 30 लाख रुपये का होम लोन लिया है और इसे लौटाने की अवधि 15 साल बची हुई है. ऐसे में अगर रमेश तीन महीने की मोहलत अवधि का विकल्प चुनता है तो उसे 2.34 लाख रुपये के करीब अतिरिक्त ब्याज देना होगा, ये 8 ईएमआई के बराबर है.
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