नई दिल्ली । देशभर में ईद-उल-फित्र का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। हालांकि इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से मुस्लिम धर्मावलंबी घरों पर ही ईद मना रहे हैं। बता दें कि इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, साल में सबसे पहले जो ईद आती है, उसे ईद-उल-फितर या मीठी ईद कहते हैं, इसे सेवइयों वाली ईद भी कहा जाता है। ईद-उल-फितर मुसलमानों का सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमज़ान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है।
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ईद-उल-फित्र (Eid-Ul-Fitr) को मीठी ईद कहा जाता हैं, दरअसल एक माह के रोजा के बाद ईद-उल-फितर पर जिस पहली चीज का सेवन किया जाता है, वह मीठी होनी चाहिए, वैसे मिठाइयों के लेन-देन, सेवइयों और शीर खुर्मा के कारण भी इसे मीठी ईद कहा जाता है।
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रविवार रात को पूरे देश में ईद का चांद दिखाई दिया, रमज़ान उल मुबारक महीने का 30वां रोजा रविवार को पूरा हुआ, इसके साथ ही ईद का चांद भी नजर आ गया। चांद दिखाई देते ही रोजेदारों के चेहरे खिल गए,साथ ही देशभर में सोमवार 25 मई को को ईद-उल-फितर का त्यौहार मनाने का ऐलान भी हो गया।
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केरल और जम्मू-कश्मीर में रविवार को ही ईद मना ली गई। जम्मू और कश्मीर सहित केरल में रविवार को ईद मनाई गई, जबकि बाकी देश में आज ईद मनाई जा रही है। ईद से पहले ही कई मस्जिदों और दरगाहों के बाहर पर्चे चस्पा किए गए कि लोग इकट्ठे न हों और परिसर में प्रार्थनाओं की इजाज़त नहीं दी गई है। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के चलते ये कदम उठाए गए। इसलिए लोगों ने ईद की विशेष नमाज़ और प्रार्थनाएं अपने घरों में ही अदा की जा रही है।