महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका निराकृत, राज्य सरकार के अध्यादेश को दी गई थी चुनौती | Petition challenging Mayor's indirect election system disposed of State government ordinance was challenged

महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका निराकृत, राज्य सरकार के अध्यादेश को दी गई थी चुनौती

महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को चुनौती देने वाली याचिका निराकृत, राज्य सरकार के अध्यादेश को दी गई थी चुनौती

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:24 PM IST
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Published Date: January 8, 2020 12:25 pm IST

बिलासपुर। महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली को लेकर दायर की गई याचिका को बुधवार को हाईकोर्ट ने निराकृत कर दिया है। राज्य शासन के महापौर चुनाव के लिए जारी अध्यादेश को चुनौती देते हुए, याचिकाकर्ता अशोक विधानी, अशोक चावलानी एवं अन्य द्वारा याचिका दायर की गई थी।

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याचिका के जरिए महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को लेकर चुनौती दी गई थी। याचिका में कहा गया था कि अप्रत्यक्ष चुनाव का असर मेयर के कार्यकाल पर भी पड़ेगा। बुधवार को इस मामले की सुनवाई हुई । हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की दलीलों को ध्यान से सुना। इसके पश्चात कोर्ट ने अपना डिसीजन सुनाया। कोर्ट ने महापौर के अप्रत्यक्ष चुनाव को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को निराकृत कर दिया है।

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बता दें कि राज्य में नगरीय निकाय चुनाव से ठीक पहले राज्य सरकार ने नगरीय निकाय चुनाव प्रक्रिया में संशोधन को मंजूरी देते हुए महापौर के प्रत्यक्ष निर्वाचन की प्रक्रिया में बदलाव किया था और अप्रत्यक्ष निर्वाचन की नई व्यवस्था लागू की गई थी। इस बार इसी आधार पर चुनाव हुए।

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नगरीय निकायों में पहले महापौर के लिए अगल चुनाव होते थे, जिसमें जनता महापौर चुनने के लिए सीधे मतदान करती थी। नई प्रक्रिया लागू होने के बाद इस बाद निगमों में चुनाव जीत कर आए पार्षदों ने मतदान के जरिए अपने-अपने निगमों में महापौर का चुनाव किया है।

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