रायपुर। राजधानी रायपुर में कोयला अफरातफरी मामले में पुलिस फरार मुख्य आरोपियों का बचाव करती नजर आ रही है…हालांकि पुलिस ने इस पूरे मामले में यार्ड मालिकों को जेल तो भेज दिया है लेकिन इस पूरे मामले के मास्टरमाइंड सरगना प्रीतम सरदार और सरफराज को अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। जिससे सवाल उठने लगे हैं. मामले में साउथ अफ्रीका का उच्चकोटि का कोयला विशाखापट्टनम तक समुद्री मार्ग से लाया जाता है उसके बाद ट्रकों के जरिए छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्यों के पावर प्लांट्स में सप्लाई किया जाता है।
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पिछले दिनों पावर प्लांट के मालिकों द्वारा एसएसपी रायपुर से लिखित शिकायत की गई थी कि कोयले में हेराफेरी की जा रही है जिसके बाद पुलिस ने रायपुर में उरला के मेटल पार्क स्थित एक यार्ड में दबिश देकर उच्चकोटि के कोयले की जगह घटिया किस्म के कोयला मिलाते हुए रंगे हाथों करीब 8 लोगों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 4 ट्रक कोयला जब्त किया था। जिसमें साउथ अफ्रीका के कोयले की जगह घटिया किस्म का कोयला मिलाकर पावर प्लांट्स में भेजने की तैयारी कर रहे थे…इस दौरान यार्ड का मालिक सरफराज पुलिस को चकमा देकर फरार होने में कामयाब हो गया था..पुलिस ने ट्रक ड्रायवरों से पूंछताछ की तो खुलासा हुआ कि ट्रांसपोर्टर प्रीतम सरदार के द्वारा सरफराज के साथ मिलकर ये पूरा रेकेट संचालित कर रहा है।
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पुलिस ने जांच आगे बढाई तो यार्ड के असली मालिकों आमिर अली और रईस अहमद की भी संलिप्तता सामने आई जिन्हे गुरूवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है…बताया जा रहा है कि जेल गये रईस अहमद पूर्व में भी कोयला चोरी के आरोप में दो बार जेल जा चुका है…लेकिन पुलिस अभी तक इस गैंग के असली सरगनाओं को गिरफ्तार नहीं कर पाई है जबकि दोनों शहर में घूमते हुए देखे गये हैं। जिससे पुलिस की पूरी कार्रवाई पर मिलीभगत होने के संकेत मिल रहे हैं,..हालांकि पुलिस इस बात का दावा जरूर कर रही है कि दोनों आरोपियों की घरपकड़ के लिये उनके सभी संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही है।
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