बिलासपुर। हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कोल इंडिया लिमिटेड की पुनर्विचार याचिका को खारिज करते हुए आश्रित विवाहित बेटी को अनुकंपा नियुक्ति का हकदार माना है। डबल बेंच ने इससे पूर्व में सिंगल बेंच के द्वारा सुनाए गए फैसले को ही बरकरार रखा है। इस मामले में याचिकाकर्ता आशा पांडेय के पिता झरिया माइंस में वरिष्ठ लिपिक के तौर पर कार्यरत थे। पद पर रहने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी।
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पिता की मौत के बाद आशा पांडेय ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए एसईसीएल में आवेदन किया जिसे खारिज कर दिया गया। एसईसीएल का तर्क था कि राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौता के तहत विवाहित पुत्री को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं है। कोल इंडिया के इस निर्देश को हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में चुनौती दी गई जिसमें सिंगल बेंच ने याचिकाकर्ता के हक में फैसला सुनाया और कहा कि एसईसीएल का आदेश संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 के खिलाफ है। सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ कोल इंडिया लिमिटेड ने डबल बेंच में चुनौती दी जिस पर सुनवाई करते हुए डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश को पलट दिया और कोल इंडिया के पक्ष में फैसला सुनाया।
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इसके बाद याचिकाकर्ता आशा पांडेय ने हाईकोर्ट में संविधान के प्रावधानों के अनुसार डबल बेंच में पुनर्विचार याचिका लगाई जिसे कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया था। चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच ने पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए ये माना है कि पूर्व में सिंगल बेंच का आदेश सही है और विवाहित आश्रित पुत्री भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए पात्र है।
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