ग्वालियर, मध्यप्रदेश। अवमानना के मामले में जवाब पेश न करने पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने अशोकनगर, विदिशा और श्योपुर के कलेक्टर को 25-25 हजार के जमानती वारंट से तलब किया है। अगली सुनवाई 7 नवंबर को तय की गई है। 2006 में एकता परिषद ने आदिवासियों की जमीनों के संरक्षण की मांग करते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
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दरअसल 25 फरवरी 2008 को याचिका निराकृत करते हुए हाईकोर्ट ने अशोकनगर के अलावा भिंड, दतिया, मुरैना, शिवपुरी, ग्वालियर, श्योपुर, विदिशा, गुना कलेक्टर को अपने-अपने जिले में समिति बनाकर आदिवासियों की जमीन के संरक्षण के संबंध में रूपरेखा तैयार करने का निर्देश दिया था।
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आदेश का पालन नहीं करने पर 2015 में हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की गई, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने सभी जिलों के कलेक्टरों से जवाब पेश करने के लिए कहा। अतिरिक्त महाधिवक्ता अंकुर मोदी के मुताबिक अशोकनगर, श्योपुर और विदिशा जिले के कलेक्टरों ने न तो जवाब पेश किया न ही हाईकोर्ट में मौजूद रहे। इस पर कोर्ट ने तीनों कलेक्टरों को जमानती वारंट से तलब किया है।
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