बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने प्रदेश के तीन नगर निगम आयुक्तों को फटकार लगाते हुए पूछा है कि लोगों को पीने का साफ पानी कब तक मिलेगा। हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारी सच्चाई बताएं कि दूषित पानी से लोग कब तक बीमार होते रहेंगे।
हाईकोर्ट ने दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर नगर निगम के कमिश्नर्स को फटकार लगाते हुए तीन महीने के भीतर दूषित पानी के निराकरण के संबंध में प्रोग्रेस रिपोर्ट मंगाई है। हाईकोर्ट ने कहा है कि अधिकारी स्थिति सुधरने की रिपोर्ट पेश कर रहे हैं, लेकिन दूषित पानी से अभी भी लोग बीमार हो रहे हैं। सुनवाई के दौरान रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त कोर्ट में मौजूद थे। अधिकारियों ने हाईकोर्ट को बताया कि पानी सप्लाई की पाइल लाइन को नालियों से हटाया जा रहा है और इस काम की लगातार मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
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बता दें कि वर्ष 2014 में रायपुर निवासी मुकेश देवांगन ने अपनी पत्नी की पीलिया से मौत हो जाने के बाद हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। कोर्ट ने इस मामले में न्यायमित्रों को नियुक्त किया था जिन्होंने जांच में कहा था कि दुर्ग, रायपुर और बिलासपुर के पानी में खतरनाक ई-कोलाई बैक्टीरिया मौजूद है। इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने तीन महीने के भीतप प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
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