जबलपुर । ऑटो रिक्शा चालकों द्वारा ओवरलोडिंग और पूरे शहर में धमचौकड़ी मचाने के खिलाफ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार किया है। हाईकोर्ट के पूर्व आदेशों पर कार्रवाई ना होने पर नाराजगी जताते हुए न्यायालय ने 10 दिनों में ऑटो रिक्शा चालकों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
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ऑटोरिक्शा को लेकर सिर्फ ओवरलोडिंग ही एक समस्या नहीं है, बल्कि दूसरी कई सारी समस्याओं के चलते पूरे शहर की यातायात व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो जाती है। विभाग और न्यायालय के पास पहुंची शिकायतों में लोगों ने बताया है कि ऑटोरिक्शा चालक एकदम से सवारी देख कर बीच रोड से ही बिना सिग्नल दिए ऑटो को मोड़ देते हैं जिससे कई बार एक्सीडेंट होने की संभावना रहती है, ऑटो चालक इस तरह से ड्राइविंग करते हैं कि पीछे चल रही गाड़ी चालक को पता ही नहीं चलता है कि ऑटो किस तरफ मुड़ेगा,कहां रुकेगा क्या करेगा। ऑटोचालक कहीं भी ऑटो रोककर घंटों खड़े रहते हैं जिससे ट्रेफिक जाम की समस्या खड़ी हो जाती है।
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शाम ढ़लते ही वसूला जाता है मनमाना किराया
ऑटो चालकों के खिलाफ मनमाना किराया वसूलने की शिकायत भी आम है। ऑटोरिक्शा में किसी भी सवारी से फेयर मीटर से काउंट कर और संस्था द्वारा निर्धारित किराये को लेकर रुपए नहीं लिए जाते हैं। हालांकि सभी ऑटो में मीटर लगाया गया है बावजूद इसके ऑटो में कभी मीटर ऑन नहीं होता। सवारी ऑटो चालक शाम ढलते ही दुगुना-चौगुना किराय वसूलने लगते हैं। सवारी द्वारा आपत्ति करने पर मारपीट तक कर दी जाती है।
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ऑटो पर लग सकता है बैन
ऑटो के परिचालन से जुड़ी तमाम समस्याओं पर गौर करते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने RTO को ऑटो परिचालन के संबंध में कड़ाई से दिशा -निर्देशों का पालन करने को कहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि यदि शहर की यातायात व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई तो ऑटो के परिचालन को बैन किया जा सकता है।
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