बिलासपुर। हाईकोर्ट ने मानव तस्करी मामले में राज्य सरकार को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिविजन बेंच ने राज्य सरकार से सवाल किया है कि वो मजदूरों को बंधक बनाने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई और कौन से कानून बनाए हैं। ये सवाल बिलासपुर, मस्तूरी के 64 मजदूरों को तेलांगना में बंधक बनाए जाने के संदर्भ में किया गया है। हालांकि सारे मजदूरों को छुड़ा लिया गया है। लेकिन कोर्ट ने ये जानने की कोशिश की है कि बंधक बनाने वालों के खिलाफ सरकार क्या एक्शन ले रही। इनके खिलाफ क्या कानून बनाए जा रहे हैं। ताकि भविष्य में इस इसकी पुनरावृत्ति न हो।
बिलासपुर के मस्तूरी ब्लॉक के मजदूर काम की तलाश में तेलंगाना राज्य गए हुए थे। वहां मजदूरों को बंधक बनाकर काम लिया जा रहा था, एक मजदूर किसी तरह से वहां से भागकर आया और गांव वालों को पूरी घटना की जानकारी दी। कलेक्टर से इस मामले में शिकायत की गई और हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर की गई।
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हाईकोर्ट में कहा गया कि राज्य सरकार मानव तस्करी पर रोक लगाने के लिए कोई काम नहीं कर रही है। शासन की ओर से जवाब दिया गया कि तेलंगाना में बंधक बनाए गए सभी 64 लोगों को वापस ले आया गया है। कोर्ट ने कहा कि मजदूरों को मुक्त कराना अच्छी बात है, लेकिन जिन लोगों ने उन्हें बंधक बनाया था उन पर राज्य शासन क्या कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने पूछा है कि मजदूरों के पुनर्वास के लिए सरकार क्या कर रही है। इस संबंध में सरकार से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा गया है।
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फर्जी हस्ताक्षर से पंचायत में करोड़ों का फर्जीवाड़ा
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