बिलासपुर। राज्य में 58 फ़ीसदी आरक्षण मामले पर आज उच्च न्यायालय में सुनवाई नहीं हो सकी। 58 फ़ीसदी आरक्षण मामले पर इस हफ्ते कभी भी सुनवाई हो सकती है। बता दें कि 2012 में रमन सरकार द्वारा किए गए संशोधन के कानून के मुताबिक अनुसूचित जनजाति आरक्षण 20 से बढ़ाकर 32 फ़ीसदी कर दिया गया। लेकिन अनुसूचित जाति का आरक्षण 16 से घटाकर 12 कर दिया गया।
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वहीं रमन सरकार द्वारा अन्य पिछड़े वर्ग के 14 फ़ीसदी आरक्षण से कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। जिसके बाद से राज्य में कुल आरक्षण 58 फ़ीसदी हो गया। 50 फ़ीसदी से ज्यादा आरक्षण हो जाने के कारण विभिन्न समुदायों ने उच्च न्यायालय में याचिकाएं दायर की थी, इन्ही पर सुनवाई चल रही है। आज भी मामले पर सुनवाई होनी थी लेकिन दूसरी याचिकाओं पर लंबी बहस चल जाने की वजह से आज आरक्षण मामले पर सुनवाई नहीं हो सकी। हालांकि इस हफ्ते मामले पर कभी भी सुनवाई हो सकती है।
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