जबलपुर। शराब ठेकेदारों की याचिका पर लगातार दूसरे दिन भी सुनवाई हुई । शराब ठेकेदारों की इस याचिकाओं पर उनके वकीलों ने अपने तर्क पेश किए । आज हुई सुनवाई में शराब
ठेकेदारों के वकीलों ने अपनी बहस पूरी की, इस मामले में कल सरकार अपना पक्ष रखेगी । आज करीब चार घंटे तक लम्बी सुनवाई चली। शराब ठेकेदारों के सभी मामलों पर कल सुबह 10 बजे से फिर सुनवाई की जाएगी। शराब ठेकेदारों को मिली अंतरिम राहत को हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। सरकार, ठेकेदारों पर फिलहाल कोई भी कार्रवाई नहीं करेगी ।
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इससे पहले कल मंगलवार को जबलपुर हाईकोर्ट ने प्रदेश के आबकारी आयुक्त और कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ अदालत की अवमानना का नोटिस जारी किया है। दरअसल पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में ये अंडरटेकिंग दी गई थी कि सरकार,शराब ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी। बावजूद इसके, शराब दुकानें ना खोलने पर कई ठेकेदारों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करते हुए बैंक गारंटी जब्त करने के नोटिस जारी किए गए हैं।
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ऐसे में हाईकोर्ट ने प्रदेश के आबकारी आयुक्त और कमर्शियल टैक्स विभाग के प्रमुख सचिव के खिलाफ कंटैम्प्ट ऑफ कोर्ट का नोटिस जारी किया है और उनसे पूछा है कि आखिर उन्होने कोर्ट के आदेश की अवमानना क्यों की, जबलपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को ये भी आदेश दिया है कि वो कोर्ट के आगामी आदेश तक शराब ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं करेगी।
मंगलवार को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से जिरह पेश की जानी थी, लेकिन शराब ठेकेदारों के तर्क पूरे ना हो पाने और वक्त की कमी से हाईकोर्ट ने मामले पर सुनवाई आज भी जारी रखने के आदेश दिए थे। बता दें कि शराब ठेकेदारों ने कोरोना लॉक डाऊन में हुए घाटे का हवाला देकर हाईकोर्ट में ये याचिका दायर की है। शराब ठेकेदारों ने लॉक डाऊन अवधि में हुए नुकसान की भरपाई करने, ठेके के वक्त जमा करवाई गई बिड राशि घटाने या पूरे ठेके नए सिरे से जारी करने की मांग की है। शराब ठेकेदारों ने राज्य सरकार द्वारा आबकारी नीति में किए गए उस संशोधन को भी चुनौती दी है, जिसमें सरकार ने किसी शराब ठेकेदार का लायरेंस रद्द होने पर उसे ब्लैकलिस्ट करने और उसे किसी दूसरे जिले के टेंडर में हिस्सा ना लेने देने का भी प्रावधान किया है।
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