नई दिल्ली: राम मंदिर मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। मामले में फैसले के लिए बनाई गई मध्यस्थता कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिर्पो सौंप दी है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने मध्यस्थता कमेटी को निर्देश देते हुए 1 अगस्त तक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिया था।
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इससे पहले 18 जुलाई को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने मामले में मध्यस्थता कर रही कमिटी की रिपोर्ट देख कर कहा था, “हम 2 अगस्त को केस सुनवाई के लिए लगाने का आदेश देते हैं। अगर ज़रूरत लगी तो उसी दिन से सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। कोर्ट ने मध्यस्थता कमिटी से 1 अगस्त तक रिपोर्ट देने को कहा था।
ऐसा माना जा रहा था कि राम जन्म भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला 15 अगस्त के बाद आएगा, लेकिन कोर्ट ने पहले 18 जुलाई तक और अब 1 अगस्त तक रिपोर्ट मांग कर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सुनवाई शुरू करने की मांग पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
क्या है मामला
अयोध्या मामले को लेकर साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राचीन हिंदू मंदिर होने की बात स्वीकार करते हुए इस तीन हिस्सों में बांटने का फैसला सुनाया था। कोर्ट के आदेशानुसार इस जमीन को दो तिहाई हिस्सा हिंदू पक्ष को मिला था, जबकि एक तिहाई हिस्सा सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिया गया था। फैसले से असंतुष्ट सभी पक्षों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। तब से मामला लंबित है। इस साल मार्च में कोर्ट ने विवाद को मध्यस्थता के जरिए हल करने का सुझाव दिया। इसके लिए 3 सदस्यों की एक कमिटी का गठन किया। 10 मई को कोर्ट ने कमिटी का कार्यकाल 15 अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया था।
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