भोपाल । मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच में नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने फायर सेफ्टी बिल को लेकर अपना शपथ पत्र पेश कर दिया है। उन्होंने कहा कि बिल पास होने में हो रही देरी के लिए माफी चाहते हैं। फायर सेफ्टी बिल पर सभी विभागों से आपत्तियां बुला ली हैं। आगामी विधानसभा सत्र के पटल पर इस बिल को रखा जाएगा और चर्चा के बाद पास करा दिया जाएगा। बिल पर प्राथमिकता के आधार पर काम किया जा रहा है।
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कोर्ट ने शपथ पत्र को रिकॉर्ड पर लेते हुए बहस के लिए नवंबर में सुनवाई के लिए याचिका लिस्ट कर दी है। दरअसल हाईकोर्ट में कोचिंगों में छात्रों की सुरक्षा को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिकाकर्ता ने तर्क दिया है कि गुजरात में एक कोचिंग सेंटर में आग लगने से कई छात्रों की मौत हो गई थी। इस कोचिंग में आग से निपटने के इंतजाम नहीं थे। इस वजह से बड़ा हादसा हुआ था। ऐसी ही स्थित ग्वालियर शहर में संचालित कोचिंग सेंटर में हैं। कोचिंग सेंटर में फायर उपकरण नहीं लगे हैं और कोचिंग में पर्याप्त जगह भी नहीं है। सभी नियमों को ताक पर रखकर कोचिंग सेंटर का संचालन किया जा रहा है। इसलिए कोचिंगों में सुधार का निर्देश दिया जाए।
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बता दें कि पिछली बार नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव ने फायर सेफ्टी बिल को लेकर एक शपथ पत्र पेश किया था, उनकी ओर से तर्क दिया था कि नए सेफ्टी बिल पर संबंधित विभागों की आपत्तियां ली जाएंगी। उसके बाद ड्राफ्ट तैयार होगा। इसे कैबिनेट में भेजा जाएगा। उसके बाद विधानसभा में भेजा जाएगा। नए कानून को लागू करने में 6 माह लगेंगे। कोर्ट ने इस शपथ पत्र को अस्वीकार कर दिया था। जिसके बाद नया शपथ पत्र पेश किया, जिसमें देरी को लेकर माफी मांगी है।
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