रायपुर। राज्य में टीबी को लेकर जरुरत के मुताबिक काम नहीं हो रहा है, इसी के कारण पिछले 5 सालों में टीबी के मरीजों में दवा के प्रति रजिस्टेंस पावर डेवलप हो रहा है। मरीज के टीबी अगले स्टेज यानि एमडीआर टीबी और फिर एक्सडीआर टीबी तक जा रहे हैं। स्थिति से निपटने के लिए टीबी सेंटरों में सीबी नाॅट मशीन तो हैं, लेकिन उनका उपयोग नही किया जा रहा। मशीन के सहायता से रजिस्टेंस पावर की जांच हो सकेगी। सुपरवाइजर द्वारा फील्ड विजिट भी नहीं करना भी एक बड़ी वजह पाई गई हैं।
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विश्व स्वास्थ्य संगठन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम ने इस पर चिंता जताई है। साथ में बच्चों में हो रही टीबी की बीमारी को गंभीरता से लेने कहा है। शनिवार को डब्ल्यूएचओ और केंद्रीय स्वास्थ्य संगठन की टीम ने एक रिपोर्ट बना राज्य सरकार को सौंपी है। इसके साथ ही राज्य सरकार को टीबी से जुड़े मरीजों को लेकर ट्रेनिंग करवाने कहा है। जिससे मरीजों में केंद्रीय योजनाओं के मिल रहे लाभ की समीक्षा की जा सके।
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बता दें कि दोनों संस्था के सदस्य पिछले 4 दिनों से रायपुर, बिलासपुर के दौरे पर थे। इस दौरान अस्पतालों और मरीजों से मिलने के बाद ये गड़बड़ियां मिली हैं। इधर सीएमएचओ कह रही हैं कि टीम ने काम की तारीफ की है, जो कमियों गिनाई हैं, उन्हें जल्द दूर किया जाएगा। रायपुर कलेक्टर ने भी हर 15 दिन में मीटिंग लेने का भरोसा दिया है।
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