28 साल बाद गोगुंडा पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, मलेरिया को मात देने 15 किमी पैदल चलकर पहुंचे दुर्गम क्षेत्र | Health Department team reached Gogunda after 28 years, reached the treacherous area by walking 15 km to defeat malaria

28 साल बाद गोगुंडा पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, मलेरिया को मात देने 15 किमी पैदल चलकर पहुंचे दुर्गम क्षेत्र

28 साल बाद गोगुंडा पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम, मलेरिया को मात देने 15 किमी पैदल चलकर पहुंचे दुर्गम क्षेत्र

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : January 31, 2020/11:15 am IST

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग के महत्वाकांक्षी मलेरियामुक्त बस्तर अभियान में विभाग की टीम मलेरिया की जांच एवं उपचार के लिए दुर्गम और पहुंचविहीन गांवों तक पहुंच रही है। सुकमा जिले के कोंटा विकासखंड के दुर्गम एवं दूरस्थ गांव गोगुंडा में स्वास्थ्य विभाग की टीम पहाड़ पर 15 किलोमीटर की पैदल चढ़ाई कर मलेरिया जांच के लिए पहुंची। टीम ने वहां तीन दिनों तक कैंप कर 856 लोगों की जांच की।

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इस दौरान मलेरिया से पीड़ित पाए गए 587 लोगों को दवाईयां देकर तत्काल इलाज भी शुरू किया। उन्हें एसीटी-किट और प्राइमाक्वीन की गोलियां दीं। कैंप के दौरान 87 बच्चों को टीके लगाने के साथ ही लोगों का परीक्षण कर उनकी स्वास्थ्यगत परेशानियों का उपचार किया गया। टीम ने मच्छरों से बचने ग्रामीणों को मच्छरदानी भी वितरित किए।

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गोगुंडा के लोगों ने बताया कि उनके गांव में 28 साल बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची है। मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के तहत विभाग के 15 सदस्यों का दल 28 जनवरी को वहां पहुंचा। बेहद दुर्गम रास्ता होने के कारण दल को सामसेट्टी गांव से परिया-गड़गड़पारा तक लगभग 15 किलोमीटर का सफर मोटरसाइकिल से करना पड़ा। आगे रास्ता नहीं होने के कारण वहां से पहाड़ पर करीब 15 किलोमीटर पैदल चलकर स्वास्थ्य विभाग की टीम गोगुंडा पहुंची।

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टीम के सदस्य रास्ते भर एक-दूसरे की हौसला अफजाई करते रहे। इस टीम में सुकमा के जिला कार्यक्रम अधिकारी रोहित वर्मा, कोंटा के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. कपिल देव कश्यप, चिरायु टीम के डॉ. वेद प्रकाश, ग्रामीण चिकित्सा सहायक (RMA) और सुपरवाइजर शामिल थे। रास्ता बताने गोगुंडा के सरपंच, सचिव और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी उनके साथ थे।

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गोगुंडा में तीन दिनों के कैंप के दौरान जांच किट कम पड़ने पर सामसेट्टी उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्वास्थ्य कार्यकर्ता (ANM) और दो मितानिनें मोटरसाइकल से और पैदल करीब 30 किलोमीटर का दुर्गम रास्ता तय कर खुद किट लेकर पहुंची। बस्तर को मलेरिया, एनीमिया और कुपोषण मुक्त करने मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के तहत संभाग के सभी जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम दूरस्थ, दुर्गम और पहुंचविहीन गांवों तक भी लगातार पहुंच रही हैं।