ग्वालियर: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोरोना वायरस की महामारी के संक्रमण को रोकने और स्वास्थ्य सेवाएँ सुधारने के कितने भी दावे कर लें लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है। दरअसल इस कठीन समय में भी स्वस्थ्य विभाग अपने कर्मचारियों को और अधिकतर चिकित्सा वाहन 108 के ऑपरेटरो के पास जरूरी किट और मास्क उपलब्ध कराने में नाकाम नजर आ रही है।
दरसअल ग्वालियर जिले में स्वास्थ्य सेवाओं और मरीजों के लिए सबसे आवश्यक 108 वाहनों के पास कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जरूरी किटें मौजूद नहीं हैं। अगर ऐसे में 108 की मदद से कोरोना से पीड़ित मरीज को लेने के लिए जाती है, तो उनके 108 के ऑपरेटरो के साथ खतरा बढ़ सकता है। जबकि सीएमएचओ एस के वर्मा ने बताया कि अभी स्वास्थ्य विभाग द्वारा शहर में पंद्रह 108 वाहन चलाए जा रहे हैं और कुछ वाहनों में चार दिन पूर्व किट वितरित की गई थीं और मास्क भी पर्याप्त मात्रा में मौजूद हैं।
उन्होंन आगे कहा कि जब स्वास्थ्यकर्मी किसी कोरोना मरीज को लेने जाते हैं, तो किट उपलब्ध कराई जाती है। इससे आप समझ सकते हैं कि महानगर कहलाने वाले इस ग्वालियर शहर में जहाँ केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश शासन के चार-चार मंत्री रहते हों वहां इस महामारी के दौरान स्थिति खतरनाक है। वहीं, यदि आपातकालीन सेवा भी भगवान भरोसे नजर आ रही है।
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