नईदिल्ली। लॉकडाउन के बाद शुक्रवार को पहली बार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल की 40वीं बैठक हुई, बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शामिल हुईं। बैठक के बाद वित्त मंत्री ने कहा कि जुलाई, 2017 से जनवरी 2020 तक जिन्होंने GSTR 3B रिटर्न फाइल नहीं किया है और उनपर शून्य रिटर्न बनता है तो उन्हें लेट फीस नहीं देना होगा।
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बैठक में छोटी कंपनियों को राहत देते हुए विलंब से जीएसटी रिटर्न दाखिल करने पर ब्याज को घटाकर आधा कर दिया है, ऐसी कंपनियों को लेट से जीएसटी फाइल करने पर 9 फीसदी की दर से ब्याज देना होगा। वहीं, मई से जुलाई के बीच जीएसटी रिटर्न दाखिल करते समय विलंब शुल्क नहीं लगेगा।
Before the introduction of formula-based sharing of IGST between centre and states, there was a huge accumulation of IGST from 2017-’18, which led to an ad hoc decision of sharing accumulated IGST in two halves. This anomaly had to be corrected-FM Nirmala Sitharaman pic.twitter.com/zNOKzVAobG
— ANI (@ANI) June 12, 2020
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वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि GSTR-3B को लेट से फाइल करने के अधिकतम शुल्क के लिए 500 रुपये की सीमा तय की गई है, GSTR 3B के लिए नया विंडो बना है, जिसके जरिए इस फॉर्म को फाइल करने की अवधि 1 जुलाई से 30 सितंबर के बीच कर दी गई है।
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बता दें कि टैक्स कलेक्शन में कमी और जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की तारीख आगे बढ़ाने की वजह से सरकार ने अप्रैल और मई माह के जीएसटी संग्रह के आंकड़े जारी नहीं किए हैं, इससे पहले मार्च महीने में जीएसटी कलेक्शन घटकर 97,597 करोड़ रुपये रह गया था। समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद राजस्व संग्रह की सही तस्वीर 30 जून तक ही उभरकर सामने आएगी।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि जीएसटी काउंसिल ने फुटवियर, खाद और कपड़ा क्षेत्र में उलट शुल्क ढांचा सुधारने पर गौर कर रही है। पान मसाले पर टैक्स को लेकर उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पान मसाले पर टैक्स लगाने को लेकर जीएसटी परिषद की अगली नियमित बैठक में विचार होगा, उन्होंने कहा कि राज्यों की मुआवजा की जरूरतों पर विचार के लिए एक विशेष बैठक जुलाई में होगी। उसका केवल यही एक एजेंडा होगा।