महंगाई भत्ता पर रोक लगाने के फैसले का तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने किया विरोध, सभी जिला कलेक्टरों को सौंपेंगे ज्ञापन | Grade Three employees union opposed the decision to ban dearness allowance

महंगाई भत्ता पर रोक लगाने के फैसले का तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने किया विरोध, सभी जिला कलेक्टरों को सौंपेंगे ज्ञापन

महंगाई भत्ता पर रोक लगाने के फैसले का तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने किया विरोध, सभी जिला कलेक्टरों को सौंपेंगे ज्ञापन

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:45 PM IST
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Published Date: April 26, 2020 1:54 pm IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में तीन मई तक लॉक डाउन कर दिया है। लॉक डाउन के दौरान सरकार ने जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी अन्य सेवाओं को बंद करने का निर्देश दिया था। लॉक डाउन के चलते सरकार को काफी नुकसान हुआ है, इसी के चलते सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के महंगाई भत्ते पर रोक लगाने ​का निर्देश दिया है। वहीं, दूसरी ओर सरकार के इस फैसले का तृतीय वर्ग कर्मचारियों ने विरोध किया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने 28 जिलों में कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपने का फैसला लिया है। संघ के सदस्य प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम अपने-अपने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।

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बता दें कि कोरोना संकट से बीच वित्त मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता बढ़ाने पर रोक लगा दी है। केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महंगाई भत्ते (डीए) की देय किस्त, 1 जनवरी 2020 से देय नहीं होगी। 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 से डीए और डीआर की अतिरिक्त किस्तों का भी भुगतान नहीं किया जाएगा वहीं ये भी कहा है कि उसका भुगतान एरियर के तौर पर भी नहीं होगा। हालांकि वित्त मंत्रालय ने ये भी कहा है कि मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ते और महंगाई राहत का भुगतान होता रहेगा।

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वहीं, दूसरी ओर कोरोना वायरस महामारी पर काबू पाने में लगी केंद्र सरकार ने बढ़ते आर्थिक बोझ को देखते हुए अपने खर्चों में कटौती करना शुरू कर दी है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि 1 जुलाई 2020 और 1 जनवरी 2021 के DA और DR का भी भुगतान न हो। जो DA रोका जा रहा है उसका एरियर के तौर पर भुगतान भी नहीं होगा।

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हालांकि, मंत्रालय ने यह जरूर कहा कि मौजूदा दरों पर महंगाई भत्ता और महंगाई राहत का भुगतान जारी रहेगा। सरकार को चालू वित्त वर्ष 2020-21 और अगले वित्त वर्ष 2021-22 में कुल मिलाकर 37,530 करोड़ रुपये की बचत होगी। हालांकि, कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को महंगाई भत्ते के मौजूदा स्तर पर भुगतान होता रहेगा। इस फैसले से 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और 61 लाख पेंशनभोगियों पर असर पड़ेगा।

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