रायपुर। छत्तीसगढ़ में अब रेत खनन पंचायत नहीं बल्कि सीएमडीसी करेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज सदन में इसकी घोषणा की । सरकार ने यह कदम अवैध रेत खनन की शिकायतों के मद्देनजर उठाया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने पंचायतों का राजस्व 25 फीसदी बढ़ाने की घोषणा की है । 5 साल में पंचायतों को जो अधिकतम राजस्व मिला है, उसका 25 फीसदी ज़्यादा राजस्व एनएमडीसी उन्हें देगी।
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वहीं बाहरी राज्यों के लिए अतरिक्त टैक्स की व्यवस्था की गई। इस संबंध में शाम तक आदेश जारी कर दिया जाएगा। दूसरे प्रदेशों में हो रही प्रदेश से रेत की तस्करी की बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्वीकारी वहीं पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि ओपन ऑक्शन होगा तो रेत खनन का संचालन पंचायतों के हाथों से हटकर माफिया के हाथ चला जाएगा । जिस तरह में मध्यप्रदेश में हुआ था। वैसी हालत हो जाएगी 40-50 हजार प्रति ट्रक रेत बिकने लगा था ।यह एक सैद्धान्तिक विषय है। मकसद ये होना चाहिए कि उपभोक्ताओं को सही रेट पर रेत मिलना चाहिए। दरअसल सदन में आज रेत के अवैध खनन का मामला उठा। कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू और वृहस्पति सिंह ने आज ध्यानाकर्षण में ये मामला उठाते हुए रेत का अवैध खनन रोकने नीति बनाने की मांग की।
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सीएम बघेल ने कहा कि ये काफी गंभीर मसला है। राज्य के रेत को यूपी, महाराष्ट्र और मुम्बई तक ले जाया जा रहा है। राज्य को रॉयल्टी नहीं मिल रही है। इसलिए पंचायत से अधिकार लेकर सीएमडीसी को सौंपा गया है। आपको बतादें पिछले कुछ सालों से छत्तीसगढ़ में रेत खनन का अधिकार पंचायतों को दिया गया था। इसका मकसद पंचायतों को आत्मनिर्भर बनाना था, लेकिन इसका फायदा पंचायतों को मिलने के बजाय कुछ माफिया उठा रहे थे। अवैध उत्खनन का काम लगातार चल रहा था। पिछले दिनों खनिज विभाग के प्रिसिपल सेक्रेटरी गौरव द्विवेदी के निर्देश पर पूरे प्रदेश में अवैध रेत खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई भी हुई थी। रेत खनन में माफियाओं के बढ़ते दखल को देखते हुए अब राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है कि रेत का खनन का अब पंचायत नहीं करेगा, बल्कि सीएमडीसी के जरिये खनन का कराया जायेगा। और जितनी रॉयल्टी पंचायतों को मिला करती थी, उससे 25 फीसदी राशि को बढ़ाकर रॉयल्टी पंचायतों को उपलब्ध करायी जायेगी।