नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बीच और तीसरी लहर की संभावित बच्चों के खतरे को देखते हुए एक राहत भरी खबर सामने आयी है, एक दवा कंपनी ने किशोरों के लिए कोरोना वैक्सीन तैयार कर ली है और सरकार से उसके आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मांगी है। कोविड वर्किंग ग्रुप के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने बताया है कि, ‘जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) वैक्सीन का ट्रायल लगभग पूरा हो गया है, जुलाई के आखिर या अगस्त तक हम संभवत: वैक्सीन लगाना शुरू कर देंगे। 12-18 उम्र वर्ग के बच्चों को यह वैक्सीन लगाई जाएगी।’
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डॉ. एनके अरोड़ा ने कहा, ‘ICMR ने एक स्टडी की है, उसके अनुसार कोरोना की तीसरी लहर देर से आएगी, ऐसे में हमारे पास 6-8 महीने का समय है, सबको टीका लगाने के लिए हमारे पास इतना वक्त काफी है, हम आने वाले वक्ते में हर दिन 1 करोड़ टीके लगाकर इस लहर को आने से रोकेंगे।’
माना जा रहा है कि दवा निर्माता कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadilla) कंपनी जल्द ही भारत के ड्रग्स कंट्रोलर के सामने अपनी कोरोना वैक्सीन ‘जायकोव-डी’ के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन दे सकती है, कंपनी का कहना है कि इसे अडल्ट और किशोरों दोनों को दिया जा सकता है, हालांकि 12 साल से कम उम्र के बच्चों को वैक्सीन के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा।
Trial for Zydus Cadila vaccine is almost complete. By July end or in August, we might be able to start administering this vaccine to children of 12-18 age group: Dr NK Arora, Chairman, COVID working group
— ANI (@ANI) June 27, 2021
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वहीं डॉ अरोड़ा ने कहा कि वैक्सीनेशन को लेकर देश में कई अफवाहें और गलत सूचनाएं फैल रही हैं, इससे लोगों के मन में डर बढ़ता है, जिससे पूरी प्रक्रिया डिरेल हो जाती है, डॉ अरोड़ा ने कहा कि कोरोना वायरस के अन्य स्वरूपों की तुलना में ‘डेल्टा प्लस स्वरूप का फेफड़ों के उत्तकों से ज्यादा जुड़ाव मिला है, इसका ये मतलब नहीं कि इससे गंभीर बीमारी होगी या यह ज्यादा संक्रामक है।
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इधर दिल्ली AIIMS के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत बायोटेक के टीके कोवैक्सीन के 2 से 18 साल आयुवर्ग के बच्चों पर किए गए दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण के परिणाम सितंबर तक आने की उम्मीद है, ड्रग कंट्रोलर की मंजूरी के बाद भारत में बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। ‘उससे पहले अगर फाइजर के टीके को मंजूरी मिल गई तो यह भी बच्चों के लिए एक विकल्प हो सकता है, इसके साथ ही जायडस कैडिला कंपनी ने भी किशोरों के लिए ट्रायल पूरा कर लिया है। अगर उसे भी इजाजत मिल जाती है तो देश में बच्चों के लिए टीकों की उपलब्धता ज्यादा हो जाएगी।