नई दिल्ली। कोरोना से जंग में टीकाकरण बड़ा हथियार साबित हो रहा है। केंद्र सरकार के मुताबिक, अब तक जिन 1।74 करोड़ लोगों ने टीके की दोनों डोज ली है, उनमें महज 5,500 लोग संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, टीके की केवल पहली डोज लेने वाले सिर्फ 21000 लोग संक्रमित हुए हैं। देश में दोनों टीके (कोवैक्सीन और कोविशील्ड) की तकरीबन 13 करोड़ डोज लगाई जा चुकी हैं, जो दुनिया में सबसे तेज है।
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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) ने कहा कि देश में निर्मित कोविड टीका ‘कोवैक्सिन’ कोरोना वायरस के कई प्रकारों (वैरिएंट) को निष्प्रभावी करता है। दो बार उत्परिवर्तित (डबल म्यूटेंट) वैरिएंट के खिलाफ भी यह प्रभावी है।
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आइसीएमआर ने अपने अध्ययन के हवाले से कहा कि ब्राजील वैरिएंट, यूके वैरिएंट और दक्षिण अफ्रीकी वैरिएंट पर भी यह टीका असरदार है। उसने कहा कि वायरस का यह प्रकार भारत के कुछ राज्यों के साथ कई अन्य देशों में पाया गया है।
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आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा कि देश में अब तक कोवैक्सीन की 1।1 करोड़ खुराकें दी गयी हैं। इनमें से 93 लाख लोगों को पहली खुराक दी गई, जिसमें 4,208 लोग लोग संक्रमित मिले। यानी प्रति 10,000 की आबादी पर मात्र चार। 17,37,178 लोगों ने इस टीके की दूसरी खुराक ली है और उनमें से 695 लोग ही संक्रमित हुए हैं।
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दूसरी तरफ कोविशिल्ड की 11।6 करोड़ खुराकें अब तक दी गई हैं। 10 करोड़ से अधिक लोगों को पहली खुराक दी गयी, जिनमें से 17,145 संक्रमित हुए। यानी प्रति 10,000 लोगों में से केवल दो। करीब 1,57,32,754 व्यक्तियों ने इस टीके की दूसरी खुराक ली है। उनमें से 5,014 (0।03 प्रतिशत) संक्रमित हुए। यानी प्रति 10,000 पर सिर्फ तीन।
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