भोपाल। राज्य सरकार ने अधिकारियों-कर्मचारियों की तबादला नीति जारी कर दी है। इसके तहत प्रदेश में एक से 31 जुलाई तक तबादले होंगे। प्रदेश में दो साल बाद कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं। इससे पहले कमलनाथ सरकार ने वर्ष 2019 में नीति जारी की थी।
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कोरोना से गंभीर पीड़ित रहे अधिकारियों एवं कर्मचारियों को यदि स्थानीय स्तर पर नियमित जांच की सुविधा नहीं मिल रही है और वे दूसरी जगह जाना चाहते हैं तो उन्हें तबादले में प्राथमिकता दी जाएगी। जबकि अपने खर्च पर स्वेच्छा से तबादला कराने वाले कर्मचारी का कार्य देखा जाएगा।
सरकार प्रशासनिक और अत्यंत संवेदनशील मानवीय आधार पर तबादले करेगी। निर्माण व नियामक स्वरूप के विभागों में जिन कर्मचारियों ने पिछले साल दिए गए लक्ष्य पूरे नहीं किए हैं, उनका प्रशासनिक आधार पर तबादला होगा। लेकिन यह व्यवस्था अन्य विभागों पर लागू नहीं होगी, जबकि न्यायालयीन फैसलों, गंभीर शिकायतों, खाली पदों को भरने, पदोन्नति और प्रतिनियुक्ति से वापसी के मामलों में संबंधित विभाग तबादला नीति की प्रक्रिया का पालन करते हुए तबादले कर सकेंगे।
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जारी आदेश में बताया गया है कि 200 कर्मचारियों की संख्या वाले संवर्ग में 20 फीसदी, 201 से दो हजार की संख्या होने पर 10 फीसदी और दो हजार से अधिक संख्या होने पर पांच फीसद तबादले होंगे। नीति से हटकर किए जाने वाले तबादले और राज्य संवर्ग के तहत विभागाध्यक्ष एवं सरकारी उपक्रमों-संस्थाओं में पदस्थ प्रथम श्रेणी के सीईओ के प्रकरण मुख्यमंत्री समन्वय ही मंजूर करेगा।
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क्या है नई नीति में खास
जिला संवर्ग और राज्य संवर्ग के तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के तबादले प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से कलेक्टर कर सकेंगे।
– एक अप्रैल से 30 जून के बीच जिन कर्मचारियों का तबादला हुआ है। उनका दोबारा तबादला मुख्यमंत्री समन्वय की मंजूरी से ही होगा।
– उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के अधिकारियों-कर्मचारियों के जिले में तबादले को लेकर पुलिस स्थापना बोर्ड अनुशंसा करेगा और प्रभारी मंत्री की मंजूरी से एसपी निर्णय लेंगे।
– सबसे पहले अनुसूचित क्षेत्रों के खाली पद भरे जाएंगे। इसके बाद गैर अनुसूचित क्षेत्रों का नंबर आएगा।
– डिप्टी कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार का तबादला प्रभारी मंत्री की अनुशंसा से कलेक्टर कर सकेंगे।
– अविवाहित, विधवा कर्मचारियों अधिकारियों को गृह जिले में ट्रांसफर का इच्छानुसार प्रावधान।
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