रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ग्रामीणों, किसानों, गौपालकों के साथ-साथ गौठानों से जुड़ी महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने में मददगार साबित हो रही है। इस योजना के तहत गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों, चरवाहों को हर पखवाड़े में अतिरिक्त आमदनी होने लगी है, जिससे वह अपनी दैनिक जरूरतों को सहजता से पूरा करने लगे हैं। कबीरधाम जिले के कवर्धा विकासखंड निवासी गोविंदा यादव के परिवार ने गोधन न्याय योजना के तहत 420.4 क्विंटल गोबर बेचकर इसके एवज में 84 हजार 80 रूपए की अतिरिक्त आमदनी अर्जित की है। गोविंदा ने इस राशि से दीवाली त्यौहार के मौके पर अपने उपयोग के लिए एक डिलक्स मोटर-सायकल खरीद लिया है।
ग्राम पंचायत सोनपुरी के नवागांव निवासी गोविंदा यादव ने गोधन न्याय योजना के जरिए मिली खुशी को साझा करते हुए बताया कि इस साल दीवाली का त्यौहार उसके लिए यादगार बन गया है। लक्ष्मी पूजा के दिन ही हमने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर बेचने से मिली राशि से मोटर सायकल खरीदा है। गायों की देखभाल एवं उन्हें चराना गोविंदा के जीवन-यापन जरिया रहा है। परिवार के पास मात्र एक एकड़ भर्री जमीन है। जिसमें फसल उगाकर परिवार का गुजर-बसर होता है। तीज-त्यौहारों के मौके पर जरूरतों को पूरा करने के लिए कर्ज लेने की भी नौबत आ जाती थी। यह पहला मौका है, जब उसने और उसके परिवार ने बीते पांच महीने से किसी से एक पाई भी कर्ज नहीं लिया। गोधन न्याय योजना से हुई अतिरिक्त आमदनी से मोटर-सायकल खरीदने का वर्षाें पूराना सपना पूरा हो गया है। गोविंदा का कहना है कि उनकी माता और भाई भी गोधन न्याय योजना से जुड़े हुए है। हम तीनों एकत्र गोबर को गौठान में बेचते है, जिससे परिवार को आमदनी बढ़ी है।