गजराज बचाएगा हाथियों के आतंक से, वन विभाग ने ली राहत की सांस | Gajraj will save from elephant terror Forest Department breathed a sigh of relief

गजराज बचाएगा हाथियों के आतंक से, वन विभाग ने ली राहत की सांस

गजराज बचाएगा हाथियों के आतंक से, वन विभाग ने ली राहत की सांस

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 PM IST
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Published Date: December 30, 2019 6:58 am IST

गरियाबंद। जिले में बढ़ रहे हाथियों के आतंक को देखते हुए वन विभाग के प्रदेश स्तर के अधिकारियों ने यहां गजराज वाहन भेजा है, जो लोगों की सुरक्षा हाथी से करेगा बीते दिनों एक बुजुर्ग को हाथी ने उसके घर के सामने ही कुचल कर मार डाला था, जिसके बाद वन विभाग के कर्मचारियों को भी हाथियों के झुंड से दहशत बनी हुई थी जिसे देखते हुए यह गजराज वाहन भेजा गया है । आपको बता दें कि उड़ीसा क्षेत्र से 35 हाथियों का दल लगातार दो महीने से गरियाबंद जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में आतंक मचा रहा है। वन विभाग के कर्मचारी भी लोगों की सुरक्षा हाथियों से करने में काफी परेशानी महसूस कर रहे थे।

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क्या है इस गजराज वाहन
कुछ समय पहले तक प्रदेश के 10 ग्यारह जिलों तक सीमित हाथियों की समस्या अब प्रदेश के ज्यादातर जिलों में फैल चुकी है । बस्तर को छोड़ दें तो बाकी सभी जिलों में हाथी आतंक मचा रहे हैं । आए दिन हाथियों द्वारा लोगों को कुचल कर मार देने की घटनाएं सामने आ रही हैं। ऐसे में खुद वन विभाग भी इस समस्या के आगे लाचार नजर आ रहा था। गरियाबंद जिले में उड़ीसा से पहुंचे 35 हाथियों के दल ने बीते 2 माह से आतंक मचा रखा है । यह दल कभी गरियाबंद से बेहद नजदीक पहुंच जाता है तो कभी सिकासेर इलाके में कभी उदंती टाइगर रिजर्व के इलाके में तो कभी उड़ीसा सीमा पर जमावड़ा बनाए हुए हैं । ऐसे में जिधर यह दल जाता है उधर इससे जुड़ी दहशत लोगों में देखी जाती है, लोगों को हाथी से बचाने और हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर रखने वन विभाग के पास कोई चारा इसलिए नहीं था।

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जिसके बाद पहली बार गरियाबंद जिले में गजराज वाहन बैकुंठपुर वन मंडल से भेजा गया है। इसमें विशेष रूप से पांच प्रकार की हाइलोजन लाइट्स लगाई गई हैं, जो अलग-अलग रंगों की है, हाथी के आंख पर ऐसी लाइट डालने से वह डरता है । इसके अलावा इसमें हूटर और सायरन भी लगाया गया है । जिसकी तेज आवाज से हाथी वापस जंगल में भाग जाता है । इस वाहन में सभी तरफ जालियां लगाई गई है जिससे हाथी अपनी सूंड से इसे पकड़ ना सके ।

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कई खासियतों वाले इस वाहन को जरूरत पड़ने पर इंसान और हाथियों के बीच लाया जाता है। इसका उपयोग कर हाथी को वापस जंगल में खदेड़ा जाता है। हाथी प्रभावित कई जिलों में इस वाहन का पहले से उपयोग किया जा रहा है । गरियाबंद जिले के लिए भेजे गए इस गजराज वाहन के आ जाने से अब वन विभाग के कर्मचारी भी सुरक्षित महसूस कर रहे हैं । इन कर्मचारियों का कहना है कि पहले जीप आदि वाहन से हाथियों से लोगों की सुरक्षा करने जाने पर डर लगता था कि हाथी कभी भी उनकी जीप पलट सकता था, उन पर हमला कर सकता था । लेकिन इस वाहन में विशेष लाइटिंग और सायरन के चलते हाथी हमला नहीं करता है बल्कि उल्टे पांव जंगल में भाग जाता है ।