रायपुर। प्रदेश के 2500 विद्यामितानों की समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। नई सरकार ने उन्हें ठेका कंपनी से अलग तो कर दिया लेकिन उन्हें नियमित नहीं किया। इधर नियमित कर्मचारियों के आने पर नौकरी जाने का भी खतरा मंडरा रहा है। शासन के आदेश के अनुसार उन्हें तब तक पढ़ाने की पात्रता है जब तक वहां नियमित शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती।
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इस नियम के कारण प्रदेश के लगभग 800 विद्यामितानेां की नौकरी चली गई है। इसी बात को लेकर अब विद्यामितान आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं, उनका कहना है कि चुनाव से पहले कांग्रेस की तरफ से सरकार आने पर नियमितीकरण का वादा किया गया था। लेकिन अब सरकार अपना वादा भूल गई है।
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बता दें कि वर्ष 2012 से प्रदेश में शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तत्कालीन सरकार ने विद्यामितान कार्यक्रम शुरु किया। जिसमें ठेका कंपनी के तहत लगभग 2500 शिक्षकों की नियुक्ति की गई। जिसमें बड़ा भ्रष्टाचार हो रहा था। एक विद्यामितान के नाम से सरकारी खजाने से 25 हजार रुपए तक निकालकर 12 हजार रुपए दिए जा रहे थे। ऐसा कर ठेका कंपनी को प्रति विद्यामितान को 13 हजार रुपए तक लाभ दिया जा रहा था। आईबीसी 24 द्वारा मामला उजागर करने के बाद विधानसभा में जांच करवा ठेका कंपनी को समाप्त किया गया था।