भोपालः शहडोल के मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी से 12 लोगों की मौत का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि भोपाल के पीपुल्स अस्पताल में 10 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। परिजनों ने इसके लिए ऑक्सीजन की कमी और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन अस्पताल प्रबंधन इससे इंकार कर रहा है। इधर मंत्री विश्वास सारंग ने भी शुरूआती जांच के बाद अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है। लेकिन कांग्रेस ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि. पीपुल्स अस्पताल में 10 लोगों की मौत किसकी लापरहवाही से हुई.. ?
भोपाल के पीपुल्स अस्पताल के ऊपर मरीजों के परिजनों के गंभीर आरोप बता रहे है कि किस तरह अस्पताल प्रबंधन और प्रशासन की लापरवाही के चलते मरीजों को अपनी मौत से हाथ धोना पड़ रहा है। जी हां शहडोल में 12 लोगों की मौत के बाद ऑक्सीजन की कमी से भोपाल के पीपुल्स अस्पताल में 10 लोगों ने दम दम तोड़ दिया। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर बार-बार ऑक्सीजन कम होने की बात कह रहे थे, लेकिन प्रबंधन ने सुना ही नहीं। जब गंभीर संक्रमित मरीजों की तड़प-तड़प कर मौतें होने लगीं तो परिजन हंगामा करे लगे। प्रबंधन ने ऑक्सीजन की जगह पुलिस बुला ली, जिसके बाद पूरे मामले पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर अस्पताल प्रबंधन और सरकार कठघरे में खड़ा किया। कमलनाथ ने लिखा कि “अब फिर प्रदेश की राजधानी भोपाल में ऑक्सीजन की कमी से कई मरीज़ों की मौत की दुखद ख़बर? 13 दिन में 56 लोगों की मौत ऑक्सीजन की कमी के कारण ? ज़िम्मेदारों के ऑक्सीजन की आपूर्ति के सारे दावे झूठे साबित? नींद में सोई ये सरकार आख़रि कब और कैसे जागेगी ? जनता को भगवान और ख़ुद को पुजारी बताने वाले , उनके सामने चुनावों में घुटने के बल बैठने वालो ने आज जनता को लावारिस व भगवान भरोसे छोड़ दिया है ? निष्ठुरता , लापरवाही , नाकामी व ग़ैरज़िम्मेदाराना रवैये की अब तो हद हो गयी है ? “
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इधर पीपुल्स प्रबंधन ने परिजनों के इन आरोपों को सिरे से नकार दिया है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने भी पीपुल्स अस्पताल को क्लीन चिट दे दी है, लेकिन कांग्रेस लगातार ये दावे कर रही है कि अब तक प्रदेश में ऑक्सीजन न मिलने की वजह से 56 मौतें हो चुकी हैं। वंही, प्रशासन मौत की बात तो स्वीकार कर रहा है पर ऑक्सीजन की कमी से मौत को नकार रहा है !
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हालांकि जब इस पूरे मामले में आईबीसी24 ने पीपुल्स प्रबंधन से बात करने की कोशिश की तो अस्पताल के डीन डॉक्टर ने फोन नहीं उठाया.. वहीं अस्पताल प्रबंधन की और से बयान जारी करने का आश्वासन दिया गया.. पर वो भी नहीं आया।
शासन-प्रशासन लाख दावा करे कि प्रदेश में हालात बेहतर है और ऑक्सीजन की कहीं कोई कमी नहीं है, लेकिन पहले शहडोल में 12 मौतें और अब भोपाल के पीपुल्स हॉस्पिटल में 10 लोगों का ऑक्सीजन की कमी से दम तोड़ना। दावों पर कुछ और ही सच्चाई बयां कर रही है.. बहरहाल महामारी के इस दौर में सरकार इन हादसों से सबक ले, जिससे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृति न हो।