दुर्ग: जिले के धमधा ब्लॉक के किसानों के साथ धोखाधड़ी का बड़ा मामला सामने आया है। किसानों को नर-नारी किस्म के धान लगाने के लिए कंपनी ने लालच दिया। जब उत्पादन नहीं के बराबर हो रहा है तो कंपनी के अधिकारी गायब हो गए हैं। हालांकि सरकार ने जांच टीम गठित कर दी है।
रबी फसल की धान को देखकर ऐसा लग रहा है कि किसान इस साल मालामाल होंगे, लेकिन हकीकत इसके उलट है। दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के 40 गांवों के करीब 250 किसान बायर सीड्स प्रोडक्शन कंपनी के ठगी का शिकार हो गए हैं। कंपनी के एंजेटों ने किसानों को नर-नारी किस्म की धान लगाने को कहा। कंपनी के एंजेटों ने किसानों को बताया कि धान का उत्पादन प्रति एकड़ 10 से 15 क्विंटल होगा। जिसे कंपनी 6500 रु प्रति क्विंटल की दर से खरीदेगी। लेकिन अब बमुश्किल 1 से 2 क्विंटल प्रति एकड़ पैदावार हो रहा है।
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कृषि मंत्री रविंद्र चौबे के विधानसभा क्षेत्र का मामला होने की वजह से राजनीति भी गरमा गई है। बीजेपी नकली बीज, कीटनाशक और खाद कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। तो कांग्रेस भी किसानों के साथ खड़ी हुई है।
वहीं, इस मामले में सरकार ने जांच टीम गठित कर दी है, जो गांवों में पहुंचकर किसानों से बात और सैंपल कलेक्ट किया। किसानों के साथ धोखाधड़ी का ये कोई पहला मामला नहीं है। इसके पहले भी किसान कभी नकली खाद तो कभी नकली कीटनाशक के नाम पर ठगे जाते रहे हैं। अब किसानों को सरकार से न्याय से उम्मीद है।