ग्वालियर। बहुचर्चित रामप्रकाश यादव एवं अजीत सिंह यादव दोहरे हत्याकांड में चार आरोपियों को दोहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। जिला न्यायालय के चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार श्रीवास्तव की खचाखच भरी कोर्ट में कुल 10 लोगों के खिलाफ शनिवार को यह फैसला सुनाया गया।
दरअसल कोर्ट ने आज अपने फैसले में चार आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। वही छह आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। चार आरोपियों में कल्याण सिंह यादव, गजेंद्र सिंह यादव, अजीत सिंह यादव और विनोद माहौर को दोहरे आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया है। जिन छह आरोपियों को संदेह का लाभ देकर बरी किया गया है। उनमें काऊ उर्फ घनश्याम सिंधी, रज्जाक, आरिफ वासित, भूरा एवं एक अन्य शामिल है।
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आपको बता दें कि विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र के सचिन तेंदुलकर मार्ग पर 6 फरवरी 2013 को एक शादी समारोह से लौटते समय पूर्व जनपद सदस्य रामप्रकाश यादव की कार को हमलावरों ने घेर लिया था और दो कारों से निकालकर आधा दर्जन लोगों ने उन पर अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिससे रामप्रकाश यादव और उनके बेटे अजीत यादव की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि तीन अन्य लोग इस मामले में घायल हुए थे।
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दरअसल, 1995 में गजेंद्र यादव के पिता की रामप्रकाश यादव ने हत्या कर दी थी। तभी से दुश्मनी दोनों गुटों से चली आ रही थी। रामप्रकाश यादव को 2003 में आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया गया था। बाद में अंतरिम जमानत पर वह जेल से बाहर आया था।
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