कोरबा। रामपुर विधायक व पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने झीरम हमले का जिक्र करते हुए कहा है कि झीरम हमले में कवासी लखमा कैसे बच गए इसकी जांच होना चाहिए। उन्होने साफ तौर पर कहा कि उनकी नक्सलियों के साथ सांठगांठ हो सकती है। पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि मै नार्को टेस्ट के लिए तैयार हूं। लेकिन कवासी लखमा का नार्को टेस्ट होना चाहिए।
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इन दिनों झीरम हमले का मामला काफी तूल पकड़ा हुआ है। सत्ता पक्ष जहां कवासी लखमा को बचाने में लगे हैं, झीरम हमले के वक्त ननकीराम कंवर गृहमंत्री थे, 25 मई 2013 को झीरम हत्याकांड हुआ था, जिसमें 30 से अधिक कांग्रेस नेना नक्सल हमले में शहीद हो गए थे।
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बता दें जीरम मामले की सुनवाई के दौरान डॉ शिवनारायण द्विवेदी ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा पर सांठगांठ का आरोप लगाया था। जीरम हमले में कवासी का नक्सलियों से संबंध होने का भी आरोप लगाया था। इस पर द्विवेदी ने कवासी लखमा के नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। उन्होंने कहा है चाहे तो वो उनका भी नार्को टेस्ट करा लें।
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जिसके बाद सीएम बघेल ने रमन सिंह और उनके शासनकाल में रहे अफसरों के नार्को टेस्ट कराने की मांग की थी। बघेल के इसी बयान पर रमन ने पलटवार किया। रमन सिंह ने कहा कि बघेल डॉक्टर शिवनारायण द्विवेदी के बयान को गंभीरता से लें। शिवनारायण ही जीरम मामले के चश्मदीद गवाह हैं। द्विवेदी ने आयोग के सामने जवाबदारी से बयान दिया है। सरकार को मामले को डायवर्ट नहीं करना चाहिए।
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