रायगढ़: भ्रष्टाचार के एक मामले में दोषी पाए जाने पर पुसौर जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ जीपी पांडेय को विशेष न्यायालय ने चार साल की सजा सुनाई है। सीईओ के साथ उनके लिपिक सुभाष चंद्र को भी चार साल की सजा के साथ साथ 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।
मामला साल 2014 का है, जब पुसौर मे पदस्थापना के दौरान सीईओ जीपी पांडेय ने पंचायतों में शिविर लगाने के बहाने फर्जी बिल लगाकर तकरीबन 10 लाख 65 हजार रुपए का गबन किया था। मामले की शिकायत एंटी करप्शन ब्यूरो को मिली थी, जिस पर एसीबी की टीम जांच के लिए पुसौर पहुंची थी। इस दौरान 77 ग्राम पंचायतों में टैंट माईक, पानी लाइट आदि की व्यवस्था के नाम पर वाउचर सबमिट किया गया था, जिसे लिपिक सुभाष चंद्र बारीक ने पास किया था।
सीईओ ने बिना पंचायत की बैठक आयोजित हुए बगैर ही इस राशि को बैंक से आहरित कर लिया था। एसीबी की टीम ने मामले में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 13 1 सी और आईपीसी की धारा 409, 420, 467, 468 , 471 के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश किया था। विशेष न्यायधीश गीता नेवारे की अदालत ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए 4 साल का कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।