बिलासपुर। दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर और समाजसेवी डॉ. प्रभुदत्त खेड़ा का निधन हो गया है। डॉ प्रभूदत्त खेड़ा 93 वर्ष के थे उन्होने बिलासपुर अपोलो अस्पताल में अपने जीवन की अंतिम सांस ली। डॉ खेड़ा लंबे समय से बीमार थे। उनके निधन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दुख व्यक्त किया है।
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बता दें कि डॉ प्रभूदत्त खेड़ा वनाचंल क्षेत्र में पिछले 25 वर्षों से रह रहे थे, जहां उनका सक्रिय योगदान था। वनवासियों के बीच रहकर वनवासियों के शिक्षा एवं स्वास्थ्य के लिए वे काम कर रहे थे। उनके निधन की खबर से समाज सेवकों और जनप्रतिनिधियों ने दुख प्रकट किया।
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इसी बीच डॉ. प्रभुदत्त खेड़ा के निधन पर सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर अपनी संवेदना जताई है। उन्होने अपने ट्वीट में लिखा कि ‘अचानकमार के घने जंगलों के बीच 30 साल तक कुटिया बनाकर बैगा आदिवासियों के बीच शिक्षा का उजियारा फैलाने वाले, दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर डॉ. प्रभुदत्त खेड़ा के निधन की खबर सुनकर मन दुःखी है’ डॉ खेड़ा त्याग, संकल्प और नि:स्वार्थ सेवा की प्रतिमूर्ति थे’।
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