रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र में सोमवार को सदन में दिनभर नकसल समस्या को लेकर दिनभर चर्चा हुई। इस दौरान पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा कि मैंने तो तमाम घटनाओं को देखा है, मैने ताड़मेटला को भी देखा है। नक्सल के खिलाफ हम सबको को एक साथ खड़ा होना होगा। एसपी को तास के पत्ते की तरह फेकने की जरूरत नहीं है। नक्सली किसी के प्रिय नहीं है, सब नक्सलियों के टार्गेट में हैं। दिवंगत विधायक भीमा मंडावी के खिलाफ भी नक्सलियों ने षडयंत्र रचकर वारदात को अंजाम किया है। मैंने बस्तर के लोगों की पीड़ा को करीब से देखा है, ये षड्यंत्र हुआ है ये गलत है।
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उन्होंने आगे कहा कि अब नक्सली भाजपा को वोट न देने की बात करते हैं। वो जिसका समर्थन करते हैं सबसे ज्यादा घातक उन्ही के लिए होते हैं। हमारा सूचना तंत्र कितना कमजोर है ये पुलिस की असफलता से साफ दिखती है। डीआरजी के जवानों को क्यों रोक दिया गया, क्यो नहीं जाने दिया?
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इससे पहले भीमा मंडावी की हत्या को लेकर भाजपा के स्थगन प्रस्ताव पर विधायक सत्यनाराण शर्मा ने सदन में कहा कि भीमा मंडावी ने लापरवाही बरती थी। सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई है। जबकि नक्सलवाद का सबसे बड़ा दंश हमने झेला है। निजी कारण से कहीं जाने की वजह से भीमा ने सुरक्षा लौटा दी गई थी। विधायक सत्यनारायण शर्मा के इस संबोधन को लेकर भाजपा विधायक नारायण चंदेल ने अपत्ति जताते हुए कहा कि ये स्थगन प्रस्ताव भीमा मंडावी की हत्या पर हो रही है और कांग्रेस विधायक इसे झीरम कांड से जोड़ रहे हैं।
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