रायपुर: कोविड -19 के नियंत्रण में, केन्द्र एवं राज्य सरकार के सामूहिक प्रयास तथा चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ, पुलिस विभाग, स्वंयसेवी संगठनों के संयुक्त प्रयास व आम जनता के सहयोग से आशातीत सफलता मिली है। इसका असर हुआ है कि अभी तक केवल 09 पाॅजिटिव केस ही चिन्हांकित हुए है जिसमें से 03 केस ठीक हो गए हैं, वर्तमान में 06 केस ही शेष बचे हुए हैं। इसी प्रकार संभावित मरीजों की संख्या जो 300-400 है, उसे भी रोकने में सफलता मिली है। मैंने छत्तीसगढ़ के उद्योगपतियों, समाजसेवकों, जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों, एवं आम नागरिकों से भी आग्रह किया है कि प्रधानमंत्री केयर्स कोष और मुख्यमंत्री सहायता कोष में, इस राष्ट्रीय आपदा से निपटने हेतु अधिक से अधिक राशि प्रदान करें। इस कार्य में भाजपा एवं अनुसांगिक संगठन के कार्यकर्ता पूरे मनोयोग से लगे है। मैंने स्वयं प्रधानमंत्री केयर्स कोष एवं मुख्यमंत्री राहत कोष में राशि उपलब्ध कराई है, अन्य सहयोग भी जारी है।
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भारत सरकार खान मंत्रालय के नोटीफिकेशन दिनांक 28 मार्च 2020 के द्वारा, कोविड-19 के नियत्रंण हेतु जारी दिशा निर्देश, भारत सरकार का एक सराहनीय कदम है। प्रधान मंत्री खनिज क्षेत्र कल्याण योजना (पीएमकेकेकेवाय) के माध्यम से, जिला स्तर में डिस्ट्रिक मिनरल फाऊण्डेशन (डीएमएफ) द्वारा पूर्ण राशि का 30 प्रतिशत स्टेट में, कोविड-19 नियंत्रण हेतु खर्च किया जा सकता है। इस फंड का उपयोग टेस्टिंग इक्यूपमेन्ट की व्यवस्था एवं स्वास्थ्य अधोसंरचना विकास में व्यय करने निर्देश है। छत्तीसगढ़ में पीएमकेकेकेवाय योजना के तहत 30 प्रतिशत अंतर्गत लगभग 700 करोड़ रूपये की राशि उपलब्ध है। अतः इस पर तत्काल निर्णय लेकर मेडिकल काॅलेजों एवं जिला चिकित्सालयों में वेन्टिलेटर, आइसोलेसन वार्ड, मास्क, स्ट्रालाइजर जैसे उपकरणों की खरीदी पूरे प्रदेश हेतु की जा सकती है, मैं समझता हूँ कि आपने इस दिशा में कार्ययोजना बनाई होगी।
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समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ है कि मदिरा प्रेमियों के लिए वर्तमान प्रतिबंध को शिथिल करने का निर्णय लिया गया है, तथा अनुशंसा हेतु विभागीय अधिकारियों की समिति बनाई गई है। मुझे लगता है कि देश के जो हालात है उस दृष्टिकोण से सोशल डिसटेन्सिग दिनांक 14 अप्रैल तक नितांत आवश्यक है। इससे देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान में भीड़ बढेगी, जो सामान्य जन, गरीब, कमजोर वर्ग के मदिरा प्रेमियों को इंन्फेक्शन बढ़ाने जैसा कदम होगा, जिससे दूरगामी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक है। केरल सरकार द्वारा शराब दुकान खोलने के निर्णय को उच्च न्यायालय केरल ने रोक लगा दी है अतः इस पर पुर्नविचार करें।
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