पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने किया बोधघाट परियोजना विरोध, जल संसाधन मंत्री को लिखे पत्र में कहा 'बस्तर के हित में नहीं परियोजना' | Former agricultural minister Chandrashekhar Sahu opposed the Bodhghat project, in a letter to the water resources minister,

पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने किया बोधघाट परियोजना विरोध, जल संसाधन मंत्री को लिखे पत्र में कहा ‘बस्तर के हित में नहीं परियोजना’

पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने किया बोधघाट परियोजना विरोध, जल संसाधन मंत्री को लिखे पत्र में कहा 'बस्तर के हित में नहीं परियोजना'

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:16 PM IST
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Published Date: June 15, 2020 2:25 pm IST

रायपुर। पूर्व कृषिमंत्री चंद्रशेखर साहू ने छत्तीसगढ़ सरकार की बोधघाट परियोजना को फिर से शुरू करने की घोषणा को जनता के साथ छलावा बताया है । जल संसाधन मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने परियोजना को पर्यावरण और सामाजिकता के लिए प्रतिकूल बताया है । पूर्व कृषिमंत्री साहू ने जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे को लिखे पत्र में छत्तीसगढ़ सरकार की घोषणा पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि 21 हजार करोड़ रुपए लागत वाली इस परियोजना से 2 लाख 66 हजार 580 हेक्टेयर में सिंचाई और 500 मेगावाट विद्युत उत्पादन के साथ बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले को लाभान्वित होना बताया जा रहा है, यह एक छलावा है ।

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उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण के नाम पर करोड़ों की राशि व्यर्थ खर्च होगी, क्योंकि यह योजना व्यवहारिक रूप नहीं ले सकती है, पूर्व में वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कराई गई जांच में पर्यावरण और सामाजिकता पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव इस परियोजना के निर्माण में स्वीकृति नहीं देता है ।

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चंद्रशेखर साहू ने परियोजना के पड़े वाले प्रभाव का बिंदुवार जिक्र करते हुए कहा कि इससे इंद्रावती टाइगर रिजर्व की परिस्थिति पर तनाव पड़ेगा, भैरमगढ़ वन अभयारण्य और आसपास रहने वाले जंगली भैंसों की प्रजाति पर घातक प्रभाव पड़ेगा। 40 गांवों में कई आदिवासियों को विस्थापित किया जाएगा, बांध के निर्माण से बड़े क्षेत्र में बाढ़ आएगा, इससे लगभग 20 हजार हेक्टेयर जीवन रहित हो जाएगा । इसके अलावा अनेक कारण बताते हुए उन्होंने राज्य सरकार से परियोजना की स्वीकृति पर पुनर्विचार की बात कही है ।

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