वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन मंत्री को लिखा पत्र, कोल ब्लाक नीलामी में हसदेव अरण्य समेत इन क्षेत्रों को नहीं शामिल करने का अनुरोध | Forest Minister Mohammad Akbar wrote to the Union Forest Minister

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन मंत्री को लिखा पत्र, कोल ब्लाक नीलामी में हसदेव अरण्य समेत इन क्षेत्रों को नहीं शामिल करने का अनुरोध

वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय वन मंत्री को लिखा पत्र, कोल ब्लाक नीलामी में हसदेव अरण्य समेत इन क्षेत्रों को नहीं शामिल करने का अनुरोध

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Modified Date: November 29, 2022 / 08:06 PM IST
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Published Date: June 21, 2020 9:40 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन, आवास एवं पर्यावरण मंत्री मोहम्मद अकबर ने केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावडे़कर को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ के हसदेव अरण्य एवं उससे सटे मांड नदी के जल ग्रहण क्षेत्र तथा प्रस्तावित हाथी रिजर्व की सीमा में आने वाले क्षेत्रों में स्थित कोल ब्लाकों को भारत सरकार द्वारा की जाने वाली आगामी कोल ब्लाक नीलामी में शामिल नहीं करने का अनुरोध किया है।

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उन्होंने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ के इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को नीलामी से अलग किया जाना वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से उचित होगा। मोहम्मद अकबर ने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ राज्य का मध्य एवं उत्तरीय क्षेत्र जो एक ओर घने वनों से आच्छादित है, वहीं इस पूरे क्षेत्र में कोयले का भी भण्डार है। वर्तमान में इस क्षेत्र में विभिन्न केन्द्रीय, राज्य एवं निजी संस्थानों को आबंटित क्षेत्रों में खनन का कार्य किया जा रहा है। उक्त क्षेत्र में राज्य की दो महत्वपूर्ण नदियां हसदेव एवं मांड के जल ग्रहण क्षेत्र में भी कोल ब्लाकों की नीलामी प्रस्तावित है।

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हाल ही में छत्तीसगढ़ राज्य में हाथियों की संख्या में हो रही लगातार वृद्धि, मानव हाथी द्वंद की बढ़ती घटनाओं तथा हाथियों के रहवास की आवश्यकता को देखते हुए हसदेव नदी से लगे 1995 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को लेमरू हाथी रिजर्व घोषित करने का निर्णय लिया गया है, जिसके पालन में अधिसूचना प्रकाशन हेतु कार्यवाही प्रगति पर है। छत्तीसगढ़ के वन एवं पर्यावरण मंत्री ने पत्र में लिखा है कि राज्य के वनों एवं पर्यावरण की सुरक्षा तथा भविष्य में मानव हाथी द्वंद की घटनाओं पर प्रभावशील नियंत्रण के लिए उक्त क्षेत्र में भविष्य में खनन गतिविधियों पर रोक अत्यंत आवश्यक है। भविष्य में होने वाली कोल ब्लाकों की नीलामी में इन क्षेत्रों में आने वाले कोल ब्लाॅकों को पृथक किया जाना वन एवं पर्यावरण की सुरक्षा के दृष्किोण से उचित होगा।

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